Wednesday, May 14, 2025
Homeन्यूज़न्यूज़आगरा में जगह न मिलने पर 90 किमी दूर अलीगढ़ जाकर करना...

आगरा में जगह न मिलने पर 90 किमी दूर अलीगढ़ जाकर करना पड़ा अंतिम संस्कार


आगरा। कोरोना वायरस के संक्रमण से हालात भयावह होते जा रहे हैं। अस्पताल ही नहीं श्मशान गृहों में भी कतार है। शनिवार सुबह साढ़े दस बजे कोरोना संक्रमण से मृत लोको पायलट प्रेमपाल सिंह को आगरा के श्मशान गृह में अंतिम संस्कार के लिए जमीन नसीब नहीं हुई। परिजनों ने अलीगढ के श्मशान स्थल पर जाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा।

आरोप है कि आगरा के श्मशान घाट पर परिजनों को शव छोड़कर जाने के लिए कह दिया गया। बताया गया कि तीन दिन बाद नंबर आएगा तो फोन कर देंगे। ऐसी स्थिति में परिजनों ने नौ घंटे में 90 किलोमीटर का सफर तय कर अलीगढ़ के नुमाइश ग्राउंड के श्मशान गृह में अंतिम संस्कार किया।

लोको पायलट प्रेमपाल सिंह के बेटे कृष्णा कुमार लोधी ने बताया कि पिता रेलवे में ड्यूटी दे रहे थे। दो दिन पहले तबियत खराब हुई तो छुट्टी दे दी गई। इसके बाद कोरोना की जांच कराई गई। शनिवार को पता चला कि पिता प्रेमपाल कोरोना संक्रमित हैं। सुबह साढ़े दस बजे उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद पड़ोसियों को श्मशान गृह भेजा तो पता चला कि तीन दिन तक इंतजार करना होगा। तभी अंतिम संस्कार हो पाएगा।

वर्तमान में परिवार आगरा के बोदला क्षेत्र स्थित अवधपुरी कॉलोनी का निवासी है। प्रेमपाल मूल रूप से चेंडोली बुजुर्ग साधु आश्रम, हरदुआगंज के निवासी थे। यहां रिश्तेदारों से बातचीत की तो पता चला कि नुमाइश ग्राउंड में अंतिम संस्कार हो जाएगा।

सूचना पर परिजन शव लेकर अलीगढ़ आए। शाम लगभग साढ़े सात बजे के लगभग यहां अंतिम संस्कार किया गया। प्रेमपाल सिंह ने अपने पीछे पत्नी ममता रानी, बेटी हिमांशी लोधी, मुस्कान लोधी व बेटा कृष्णा कुमार लोधी को रोता बिलखता पीछे छोड़ गए हैं। भतीजे देवमंगल ने बताया कि सुबह से सभी परेशान थे कि कैसे अंतिम संस्कार हो। अलीगढ़ आकर करना पड़ा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments