Friday, September 19, 2025
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के एम हॉस्पीटल में कोविड उपचार के नाम पर लाखों रुपए की वसूली, डीएम ने दिए जांच के आदेश

मथुरा। कोरोना महमारी के बीच प्राइवेट हॉस्पीटलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। लगातार एक के बाद एक प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोरोना के मरीजों के उपचार के नाम पर वसूली का मामला सामने आ रहा है। ताजा मामला मथुरा के के एम मेडिकल कॉलेज का है, जहां पर भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के जिला महामंत्री दिनेश चौधरी की माँ कोविड पॉजिटिव होने के बाद भर्ती हुई। अब उनका स्वास्थ्य ठीक है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन उनसे 110000 रुपए की मांग कर रहा है। इसके बाद ही उनकी मां को डिस्चार्ज करेगा।

इसी बात की शिकायत लेकर दिनेश चौधरी सीएमओ कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पूरे मामले की जानकारी सीएमओ डा. रचना गुप्ता को दी। लेकिन सीएमओ के फोन करने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन के कानों पर जूं तक न रेंगी। दिनेश चौधरी ने बताया कि वह 40000 रुपए अस्पताल प्रबंधन को दे चुके हैं। लेकिन अस्पताल से उनकी माँ को डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि केएम मेडिकल कॉलेज स्वास्थ विभाग द्वारा सरकारी कोविड हॉस्पिटल में दर्ज है, जहां पर मरीजों का उपचार निशुल्क है। मरीजों को हर सुविधा सरकार द्वारा दी जा रही है, लेकिन बावजूद इसके के मरीजों की मदद की जाए यहां पर अवैध उगाही का कारोबार जोरों से फल फूल रहा है।

ऐसा नहीं है कि यह एकमात्र ऐसा हॉस्पिटल है जो जिले में महामारी जैसे हालातों में गिद्धों की तरह लोगों को नोच रहा है। मथुरा के, केडी मेडिकल कॉलेज और नयति हॉस्पिटल पर भी कोरोना के मरीजों से अवैध तौर पर वसूली के आरोप लगे हैं।

इस मामले में जिलाधिकारी मथुरा नवनीत सिंह चहल ने कहा कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेटों की एक कमेटी बनाई गई है, जो बयानों के आधार पर जांच कर रही है। जहां सत्यता पाई जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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