नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। कोरना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने सरकार और लोगों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। यह वेरिएंट दुनिया के दूसरे देशों में कोहराम मचा रहा है। भारत में भी अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के कई मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस तेजी से फैल रहा है। देश के कई राज्यों में इससे संक्रमित लोग पाए गए हैं। मध्य प्रदेश,राजस्थान महाराष्ट्र और दिल्ली से सटे फरीदाबाद के अलावा कई राज्यों में डेल्टा प्लस के मामले सामने आ चुके हैं।
ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि यह वेरिएंट कितना खतरनाक है? किन लोगों पर यह ज्यादा असर करेगा और इससे बचाव कैसे किया जाए? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देने की कोशिश करेंगे। पहले यह जानते है कि आखिर डेल्टा प्लस वेरिएंट है क्या? पिछले कोरोना वेरिएंट से 50 से 60 फीसदी तेजी से फैलने के साथ यह इतना ही प्रतिशत शक्तिशाली बताया जा रहा। डेल्टा प्लस सीधे फेफड़ों में जाकर मजबूती से चिपक जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरीके से बर्बाद कर देता है। इसके संक्रमण से ऑक्सीजन लेवल पिछले कोविड की अपेक्षा ज्यादा तेजी से भी गिर सकता है।
अब सवाल यह है कि इस वेरिएंट से किसको सबसे ज्यादा खतरा है? तो जवाब यह है कि इस वेरिएंट से छोटे बच्चे और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है। जानकारों के मुताबिक, बच्चों को इस वेरिएंट से बचाने के लिए ज्यादा ध्यान रखना होगा, क्योंकि जो बड़े हैं उनका वैक्सीनेशन तो हो गया है, लेकिन बच्चों का वैक्सीनेशन अभी नहीं हुआ है। ऐसे में बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी।
ऐसे में जरूरत इस बात की है कि बड़े सभी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। तभी बच्चों को इससे बचाया जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, इस वेरिएंट के खिलाफ लड़ने में वैक्सीनेशन काफी कारगर साबित होगा, क्योंकि अगर इस नए स्ट्रेन से हम संक्रमित हो भी जाते हैं तो जो वैक्सीन है वो हमें आईसीयू वार्ड में जाने से बचा सकती है। आने वाले तीन से चार महीन के बाद तीसरी लहर सक्रिय हो सकती है। ऐसे में अभी से सभी को सावधान रहेने की जरूरत है, ताकि कोरना का डेल्टा प्लस वेरिएंट हमें अपना शिकार न बना सके।