Wednesday, May 14, 2025
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वैक्सीनेशन सेंटर में फूटा ‘कोरोना बम’, 200 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ वायरस से संक्रमित, बंद किया गया केंद्र

मलेशिया। मलेशिया ने मंगलवार को एक बड़े वैक्सीनेशन सेंटर को बंद कर दिया। दरअसल, इस सेंटर पर काम करने वाले 200 मेडिकल स्टाफ और वॉलंटियर्स कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। विज्ञान मंत्री खैरी जमालुद्दीन ने कहा कि ये पता लगाने में कठिनाई हो रही है कि ये संक्रमण सेंटर पर ही हुआ है या नहीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार द्वारा तेजी से उठाए गए कदम के चलते कलस्टर बनने से रोकने में सफलता मिली है।

विज्ञान मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि जिन लोगों ने शुक्रवार से इस सेंटर पर अपना वैक्सीनेशन कराया है, वे खुद को 10 दिनों तक आइसोलेट कर लें. खैरी जमालुद्दीन देश के राष्ट्रीय टीकाकरण प्रोग्राम के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि देश के केंद्रीय प्रांत सेलांगोर में दो वॉलंटियर्स कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद मैंने सभी 453 हेल्थ वर्कर्स को कोरोना टेस्ट करवाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिन 204 लोगों के नतीजे पॉजिटिव आए हैं, उनमें कम वायरल लॉड्स था. इसका मतलब ये है कि उनके शरीर में वायरस की मात्रा बेहद कम थी. इस तरह वह वायरस के हल्के लक्षण से संक्रमित थे।

मलेशिया में आठ लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमित

फिलहाल वैक्सीनेशन सेंटर को बंद कर दिया गया है, ताकि बड़े पैमाने पर इसका सैनिटाइजेशन किया जा सके। इसके अलावा, यहां काम करने वाले लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है। खैरी जमालुद्दीन ने कहा है कि वैक्सीनेशन सेंटर को बुधवार को फिर से खोला जाएगा। इस दौरान यहां लोगों के वैक्सीनेशन के लिए एक नई टीम को तैनात किया जाएगा। एक जून से लागू किए गए सख्त लॉकडाउन के बाद भी मलेशिया में वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। अभी तक 8,44,000 लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 6200 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। अभी तक सिर्फ 11 फीसदी आबादी का ही वैक्सीनेशन हो पाया है।

दुनिया में तेजी से फैल रहा डेल्टा वेरिएंट: हऌड


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट ‘डेल्टा’ विश्वभर में तेजी से फैल रहा है। डब्ल्यू एचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेबरेसस ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट जो 104 देशों तक पहुंच गया है, इसके जल्द ही पूरी दुनिया में कोरोना के सबसे हावी वेरिएंट बनने की आशंका है। उन्होंने कहा कि ये वेरिएंट उन लोगों को संक्रमित कर रहा है, जो वैक्सीनेट नहीं हैं। इस वजह से स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव बढ़ रहा है।

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