वृंदावन। कोरोना की तीसरी लहर की आंशकाओं के बीच मंदिरों की नगरी वृंदावन में रविवार को फिर श्रद्धाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रवेश मार्र्ग से लेकर श्री बाँकेबिहारी मंदिर के चौक तक हजारों श्रद्धालुओं का रेला लगा है। लेकिन कोविड से बचाव के नियमों की लगातार अनदेखी की गई। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच बेपरवाह लोगों की भीड़ कहीं ब्रज को बड़े संकट में न डाल दे, स्थानीय लोगों को हर पल यह डर सता रहा है। वहंी प्रशासनिक अधिकारियों ने इस ओर से पीठ कर ली है।

शनिवार को जहां ठा. बाँकेबिहारी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बांकेबिहारी के दर्शन किए। दूसरे दिन रविवार को वृंदावन में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर के चौक में भीड़ के दबाव के चलते धक्का मुक्की के बीच दर्शन किए। मंदिर के अन्दर कोरोना से बचाव के सभी नियम ध्वस्त दिखे। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो दूर यहां लोगों के चेहरों पर मास्क तक नहीं था। काबिलेगौर बात है कि श्रद्धालुओं को प्रसाद और माला देने वाले गोस्वामीजन भी कोविड के नियमों को दरकिनार करते देखे गए। यही हाल मंदिर के बाहर चबूतरे और गलियारों में देखने को मिला। खचाखच भरे गलियारें में एक पैर रखने को जगह नहीं देखी गई।
मथुरा जनपद में जहां कोविड-19 के संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए एक तरफ कई बड़े मेले रद़्द कर दिए। धारा 144 लागू कर दी। वहीं वृंदावन में शासन और प्रशासन के आदेश की लगातार अवहेलना की जा रही है। लेकिन जिला प्रशासन मौन है। देशभर से आ रहे लाखों श्रद्धालुओं पर किसी तरह की पाबंदियां नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन कोरोना महामारी फैलने का इंतजार कर रहा है।
चुंगी चौराह निवासी गौरव का कहना है कि कोरोना के कारण मेलाओं को रद़्द किया जा सकताा है। दोपहिया वाहन पर मास्क न लगाने पर चालान किया जा सकता है कि लेकिन वृंदावन में हजारों श्रद्धालु कोविड के नियमों की अनदेखी कर रहे हंै। इसे रोकने के कोई इंतजामात नहंी है।
राधानिवास निवासी राजेश कुमार का कहना है कि हरिद्वार कुंभ की तरह यहां भी जिला प्रशासन कोरोना महामारी फैलने का इंतजार कर रहा है। वीकली लॉकडाउन भी लॉकडाउन सा नहंी है। यहां बाजार भी खुल रहे हैं और देशभर से श्रद्धालु भी आ रहे हैं। वह भी कोविड के नियमों की लगातार अनदेखी कर रहे हैं। डर है कि ब्रज में कोरोना फिर लौट न कर दे। जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।