प्रत्येक विद्यार्थी सत्रारम्भ से ही दृढ़ निश्चयी होकर पढ़ाई करेः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में बुधवार को नए शैक्षिक सत्र (2024-2025) का शुभारम्भ आचार्य करपात्री द्विवेदी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन के साथ किया गया। इस अवसर पर विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर छात्र-छात्राओं को अनुशासन, संस्कार, संस्कृति एवं सभ्यता की राह पर चलते हुए शिक्षा ग्रहण करने की सीख दी गई।
राजीव इंटरनेशनल में नए शैक्षिक शुभारम्भ अवसर पर नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर नन्हे-मुन्ने छात्र-छात्राओं का उत्साह देखते ही बना। श्रीगणेश तथा माँ सरस्वती की वंदना के बाद आचार्य करपात्री द्विवेदी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि हवन-पूजन का सभी के लिए बहुत महत्व है, इससे पर्यावरण शुद्धि के साथ-साथ आत्मिक शुद्धता भी होती है। उन्होंने कहा कि संसार में गुरु यानी शिक्षक का स्थान सर्वोपरि है। शिक्षक-शिक्षिकाएं ही छात्र-छात्राओं को सच्चा मार्ग दिखाते हैं इसीलिए उनका स्थान ईश्वर से भी ऊंचा माना गया है।
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आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का युग है, ऐसे में उन्हें प्रतिदिन कठिन परिश्रम करना चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को सत्रारम्भ से ही दृढ़ निश्चयी होकर सतत अध्ययन करना जरूरी होता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि शिक्षक-शिक्षिकाएं समाज का दर्पण होते हैं। प्रत्येक माता-पिता जहां अपने बच्चों को सफल होता देखना चाहता है वहीं शिक्षक सभी छात्र-छात्राओं की सफलता का प्रयास करते हैं। डॉ. अग्रवाल ने विद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं से लगन और मेहनत के साथ अनुशासन में रहते हुए शिक्षा ग्रहण करने का आह्वान किया।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना है। श्री अग्रवाल ने कहा कि स्कूली पड़ाव विद्यार्थी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए स्कूली शिक्षा काल में ही प्रत्येक छात्र-छात्रा को अपनी कमियां दूर कर लेनी चाहिए ताकि उन्हें भविष्य में किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह शिक्षकों का आदर करते हुए अनुशासन में रहते हुए शिक्षा ग्रहण करें क्योंकि पढ़ाई का सबसे पहला मंत्र ही अनुशासन होता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षकों का सही मार्गदर्शन छात्र-छात्राओं में नैतिक एवं भावनात्मक बदलाव लाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं के बौद्धिक विकास में अभिभावकों तथा शिक्षकों के संयुक्त योगदान को जरूरी बताया।
विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने सभी नवागंतुक छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा, शिक्षक और विद्यार्थी एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने बताया कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में छात्र-छात्राओं की रुचि को ध्यान में रखते हुए अनुशासनयुक्त वातावरण में शिक्षा दी जाती है। शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि अनुशासन में रहकर साधारण से साधारण विद्यार्थी भी परिश्रमी, बुद्धिमान और योग्य बन सकता है। समय का मूल्य भी उसे अनुशासन में रहकर ही समझ में आता है तथा अनुशासन में रहकर वह समय पर अपने हर कार्य को करना सीखता है। इस अवसर पर विद्यालय के गुरुजनों ने छात्र-छात्राओं का अभिनंदन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।