मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्पार्क-24 में मथुरा-वृंदावन की पूर्व भाजपा सांसद, वर्तमान उम्मीदवार श्रीमती हेमामालिनी की ख्यातिप्राप्त अदाकारा पुत्रियों ईशा देओल और आहना देओल ने पहुंच कर कार्यक्रम को और आकर्षक बना दिया। मंच पर पहुंचकर जहां ईशा देओल ने जहां जमकर ठुमके लगाए, वहीं आह्ना ने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक वोट डालने की अपील की।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ईशा देओल, आह्ना देओल, उद्योगपति वैभव वोहरा, भाजपा के शैक्षणिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक भास्कर दत्त द्विवेदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता भुवन भूषण कमल, संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, सीईओ मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रो.एनबी चेट्टी, कलाकार अनूप शर्मा के द्वारा किए गए दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। मंच पर जब अदाकार, प्रोड्यूसर ईशा देओल विद्यार्थियों को अपनी बात कहने को हुईं तो उत्साह और रोमांच से लबरेज छात्र-छात्राओं ने इतना तेज स्वरों में उनका स्वागत किया कि वो बोलने से पहले ही मंत्रमुग्ध हो गईं। उन्होंने ब्रज से अपने प्रेम और आकर्षण की बात कही। उन्होंने कहा आप सब ब्रजवासी बहुत प्यारे हैं जिन्होंने हमारी मां को अपने प्रेम में बांध लिया है। इसी बीच पार्श्व में बज उठे तेज संगीत पर वो एकाएक मस्ती में आ गईं और गाने के बोलों पर यकायक ठुमके लगाने लगीं। बस छात्र-छात्रा यही तो चाह रहे थे, उनके साथ-साथ वे भी झूमने लगे। उन्होंने यादगार फिल्म शोले में पिता के प्रसिद्ध डायलाग भी बोले। ये क्रम चलता रहा और वे विद्यार्थियों के साथ खूब ठुमके लगाती रहीं। उनके बाद जब उनकी बहन आह्ना विद्यार्थियों से मुखातिब हुईं तो मंच पर निहायत संकोची, शर्मीली और कम बोलने वाली इस अदाकारा ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कुछ करइये न करइये 26 अप्रैल को वोट डालने जरूर जाईये। उन्होंने मत के महत्व को समझाया।
चित्र परिचय – संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित स्पार्क-24 में मंच पर विवि की छात्राओं के साथ नृत्य करतीं अदाकार ईशा देओल।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता आज नई भूमिका में नंजर आए। उन्होंने मंच पर ईशा देओल से अनेक सवाल किए। उन्होंने उनसे पूछा कि आपको अभिनय के क्षेत्र से एक प्रोड्यूसर की भूमिका में आने पर कैसा लगा तो उन्होंने कहा कि मेरे अंदर ऐसा कुछ था कि मुझे लगा कि मैं ये काम कर सकती हूं तो मैंने फिल्म प्रड्यूस की। अगला सवाल बहुत सीधा, सरल था कि आपको मथुरा कैसा लगा, ईशा के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई, उन्होंने कहा कि मुझे तो पहले इसलिए ही अच्छा लगता था कि मेरी मां को अच्छा लगता है लेकिन यहां आकर जो मैंने लोगों का प्यार देखा तो मुझे समझ आया कि ये शहर क्यूं अच्छा है। सचिन जी के इस सवाल कि मथुरा आपकी मां हेमाजी का पहला घर बन गया है और आपका दूसरा, क्या आप भी मथुरा को अपना पहला घर बनाना चाहेंगी। सवाल बहुत गहरा था ये बात ईशा के चेहरे के हावभाव देखकर ही नजर आ गई। उन्होंने बहुत सोचकर जवाब दिया कि हमारा घर मुंबई में है, मां को मथुरा बहुत रास आया उन्होंने यहां भी एक घर बना लिया, इसलिए मैं मानती हूं कि दोनों ही घर हमारे हैं।
मंच पर संस्कृति एफम के आरजे जय और रजा फैजी की जोड़ी ने कलाकारों से खूब धमाल मचवाया तो दूसरी ओर छात्र-छात्राओं ने भी अनेक तरह की ख्वाहिशें व्यक्त कर कलाकारों की अदाओं का जमकर लुत्फ लिया।