Tuesday, November 5, 2024
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के.डी. मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने डॉक्टर बेटी को इंसाफ दिलाने भरी हुंकार, नाराज चिकित्सकों ने सरकार से की पूर्ण सुरक्षा की मांग, मामला कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या का

मथुरा। जिस देश में लड़कियों को देवी माना जाता हो, जहां उनकी तुलना मां लक्ष्मी से की जाती हो, उस देश में बीते कुछ हफ्तों में बेटियों के साथ जो कुछ हुआ, वह बेहद शर्मनाक और हैरान करने वाला है। बात कोलकाता में ट्रेनी ड्रॉक्टर के साथ हुई बर्बरता की हो या फिर उत्तराखंड में नर्स के साथ की गई बदसलूकी की, इन वारदातों के सामने आने के बाद देशभर के चिकित्सक तथा चिकित्सा क्षेत्र जुड़े लोग काफी गुस्से में हैं। शनिवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चिकित्सकों, नर्सेज तथा टेक्नीशियनों ने दो मिनट का मौन रखकर बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए ओपीडी के सामने धरना दिया। डॉक्टर्स ने कहा कि जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा अपनी सेवाएं नहीं देंगे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं बंद रखने के आह्वान पर शनिवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स भी हड़ताल पर रहे। डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया तथा रैली भी निकाली। आक्रोशित चिकित्सकों ने कहा कि जब तक रेप पीड़िता के परिजनों को इंसाफ नहीं मिल जाता हम लोग चुपचाप नहीं बैठेंगे। डॉक्टर्स ने सरकार से चिकित्सा से जुड़े लोगों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। शनिवार को के.डी. हॉस्पिटल में ओपीडी बंद रही तथा मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने इस अमानवीय कृत्य की निंदा की तथा कहा कि आएदिन चिकित्सकों के साथ हो रही वारदातें समूचे समाज के लिए चिन्ता की बात होनी चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यदि चिकित्सक और चिकित्सा से जुड़े लोग ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो स्वस्थ समाज का सपना कैसे साकार होगा।


इस अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने कहा कि आजादी के साढ़े सात दशक बीत जाने के बाद भी देश में बेटियों का असुरक्षित होना चिन्ता की बात है। जिन चिकित्सकों को हमारा समाज भगवान मानता है, उनके साथ इस तरह की दरिंदगी करने वालों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। डॉ. अशोका ने कहा कि कोलकाता में एक ट्रेनी ड्रॉक्टर बेटी के साथ जो हुआ, उससे साफ है कि चिकित्सा पेशे से जुड़े लोग आज कतई सुरक्षित नहीं हैं। महिला एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वी.के. पांडेय ने भरे मन से कहा कि आज जिस तरह से चिकित्सकों के साथ अमानवीय कृत्य हो रहे हैं, उससे किसी की भी बहन-बेटी खुद को कैसे सुरक्षित महसूस कर सकती है।
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. के.पी. दत्ता ने कहा कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ जो कुछ हुआ वह कोई पहली और आखिरी वारदात नहीं है। ट्रेनी डॉक्टर के साथ बीते दिनों जो कुछ हुआ उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मामले की सीबीआई जांच के आदेश हो जाने के बाद भी सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस लड़की के साथ ये वारदात हुई उसके परिवार को इसकी वजह से जो पीड़ा पहुंची है, क्या उसे हम दूर कर पाएंगे?
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. मंजू पांडेय ने मेडिकल छात्राओं तथा महिला चिकित्सकों का आह्वान किया कि वह निडर बनें तथा अपने आपमें ताकत पैदा करें ताकि इस तरह की वारदातों का डटकर मुकाबला किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह मानवता के खिलाफ किया गया अपराध है। यह काम करने वाली जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ा मामला है। डॉक्टर और नर्स इस बात से चिंतित हैं कि वो अस्पताल में सुरक्षित नहीं हैं, उनके परिवार के लोग भी चिंतित हैं। लोगों को सीबीआई जांच रिपोर्ट का इंतजार है।


विभागाध्यक्ष मनो चिकित्सा डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि यह बेटी अपनी लगन और मेहनत से आगे बढ़ रही थी, जब उसे अपनी मेहनत का सुफल मिलने वाला था, ऐसे में उसके साथ की गई बर्बरता चिकित्सा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे समाज और देश के लिए चिन्ता की बात है। ट्रेनी महिला डॉक्टर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मर्डर से पहले डॉक्टर के साथ रेप की पुष्टि ने समूचे चिकित्सा तंत्र को मुश्किल में डाल दिया है।

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