मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने बुधवार का दिन एक महापर्व के रूप में मनाया। कारण साफ था कि विश्वविद्यालय परिवार में नव प्रवेशित विद्यार्थी एक साथ एक ऑडिटोरियम में ओरिएंटेशन कार्यक्रम के माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय में 27वें शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हुई।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, सीईओ नीरज अग्रवाल, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह, डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा एवं विशेष अतिथि जीएलए के अल्यूमनस वासु कोहली एवं रीतिक ने दीप प्रज्जवलित कर किया। तत्पश्चात सरस्वती वंदन आयोजित हुई।
कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियों को समझते हुए उस राह की ओर अग्रसर होना है, जहां से बहुत कुछ सीख कर अपने लक्ष्य को हासिल करना है। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील बनने की राह पर चलें। हो सकता है जो आप सोच रहे हैं और मेहनत कर रहे हैं वह कभी भी आपके काम आये और उसे आप हाथ से निकाल दें।
चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर एवं मोटिवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल ने अपने संबोधन की शुरुआत जोरदार शेर/शायरी के माध्यम से करते कहा कि यह जो जिंदगी है वो ‘लड़ने के लिए है भागने के लिए नहीं। इसलिए हमेशां अपने आप से ही प्यार करना सीखो। उन्होंने कहा कि पहले स्टेप में हर किसी को कठिनाई होती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हार मान ली जाए। क्योंकि डर के आगे ही जीत है। हमेशां खुश रहने हर एक कठिनाई से लड़ने की ताकत आपको व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा के माध्यम से मिलेगी।
यहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थी के पास दो-हाथ और दो पैर हैं। देखने के लिए आंखें हैं और सुनने के लिए कान। इसलिए डीमोटीवेट होने की कोई जरूरत नहीं है। हमेशां अपने आप को बीते कल से बेहतर बनाने की कोशिश में रहें। क्योंकि हर एक सख्श आपको पीछे छोड़ने की कोशिश में है। इसके अलावा मार्टिन लूथर किंग, एलन मस्क, आरनॉल्ड सुजानकर, सचिन तेंदुलकर एवं विराट कोहली जैसे विख्यात लोगों से सीख लेने की जरूरत है। अंत में उन्होंने कहा कि नवागंतुक विद्यार्थियों को एक नई जगह, नया इंफ्रास्ट्रक्चर, नयी चमक, स्मार्ट क्लास रूम मिले हैं। इसलिए समर्पण और आत्म विश्वास के साथ आज से पढ़ाई में जुट जायें।
कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि नवप्रवेशित विद्यार्थी अब परम्परागत पाठ्यक्रम के बाद तकनीकी एवं व्यवसायिक पाठयक्रम से जुड़े हैं, जहां से विद्यार्थी जीवन को नई दिशा देखने को मिलेगी। यानि अब विद्यार्थी जीवन में उस रास्ते की शुरुआत होगी जहां से काबिलियत हासिल कर निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करना है। कुलसचिव ने विद्यार्थियां को ओरिएंटेशन के माध्यम से विश्वविद्यालय के 26 वर्षों की उपलब्धियां गिनाईं।
उन्होंने बताया कि कुलाधिपति नारायणदास दास अग्रवाल ने अपने वर्ष 1998 में जीएलए इन्स्टीट्यूट की स्थापना की। कुलाधिपति का एक सपना था कि देश में उच्चकोटि का विश्वविद्यालय बने और सभी छात्र-छात्राओं को अपना सपना एवं लक्ष्य पूरा करने में कोई कठिनाई न हो और उनका सपना साकार हुआ जो अब एक विषाल विष्वविद्यालय बन चुका है।
कुलसचिव ने अंत में कहा कि छात्र जीवन में सफल होने के लिए कुछ बातें बहुत जरूरी हैं। यदि विद्यार्थी अमल करेगें, तो सफलता आपके कदम चूमेगी। सबसे पहले गोल सेट करना- इसी से विद्यार्थी जीवन की आगे की कहानी लिखी जायेगी। रूचियों के अनुसार अपना लक्ष्य एवं उद्देश्य स्वयं तय करें, बहुत ही सोच विचार के लक्ष्य निर्धारण के लिए फैसला लेना चाहिए। क्योंकि हर छात्र में कोई न कोई प्रतिभा होती है अर्थात् अपनी प्रतिभा को पहचान कर लक्ष्य को तय करें।
प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने विद्यार्थियों में उमंग और जोष पैदा करने के लिए कहा कि कठिनाई कुछ भी नहीं होती, एक आदत होती है, जो अपने द्वारा डाली जाती है। अंत में उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कल तक जो हुआ उसे भूल जाना ही उचित है। क्योंकि बीती बातें आगे बढ़ने में असफलता की ओर ढ़केलती हैं। उन्होंने कहा कि हर एक दिग्गजी कंपनी जीएलए में प्लेसमेंट करती है, लेकिन दिग्गज कंपनी में रोजगार पाने के लिए विद्यार्थी को उसके लायक होना आवश्यक है।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम के विशेष अतिथि जीएलए के अल्यूमनस मैक्स सेफ्टी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर रीतिक एवं मैडगाई लैब्स हैदराबाद में चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर वासु कोहली ने कहा कि अगर यह सोचकर पढ़ाई में जुट जाये कि उसे रोजगार पाने की वजाय उसे रोजगार देने वाला बनना है, तो यकीन मानिएगा कि वह रोजगार देने वाला ही बनेगा। उन्होंने विद्यार्थियां को अपने अनुभव साझा किए और कहा कि यह सही है कि आइआइटी, एमएनआईटी में उत्कृष्ट प्रोफेसर हैं, लेकिन जीएलए का विद्यार्थी भी अगर शिक्षक द्वारा दिखाई जा रही राह चल पड़ा तो वह भी आइआइटी के छात्र के बराबर वाली कुर्सी पर बैठेगा। यह वह विश्वास के साथ कह सकते हैं।
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में स्नातक स्तर पर- बी.टेक, बी.फॉर्मा, बीएससी, बायोटेक, बीए, बीकॉम, बीए और बीकॉम एलएलबी ऑनर्स, डिप्लोमा इन फॉर्मेसी, स्नातकोत्तर स्तर पर एमटेक, एमबीए, एम.फॉर्मा (फार्मोकोलॉजी एण्ड फार्मास्यूटिक्स) सहित आदि कोर्सों के नव-प्रवेशित छात्र-छात्राओं ने ओरिएंटेशन में शिरकत की।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के डीन प्रो. अशोक भंसाली, मुख्य परीक्षा नियंत्रक प्रो. अतुल बंसल, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. हिमांशु शर्मा, प्रबंधन संकाय निदेशक प्रो. अनुराग सिंह, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विनय देवलिया ने भी विश्वविद्यालय के शिक्षण सत्र के बारे में छात्रों को जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर डा. विवेक मेहरोत्रा ने किया। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी दीपक गौड़, सह-प्रशासनिक अधिकारी धर्मेन्द्र कुलश्रेष्ठ एवं विभिन्न पदाधिकारियों का सहयोग सराहनीय रहा।