Saturday, January 18, 2025
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चिन्मय कृष्ण का संबंध इस्कॉन से हो न हो, सनातन से अवश्य है, हम सनातनी उनके साथ खड़े : देवकीनंदन महाराज

  • सनातन संत सम्मेलन में गरजे संत ‘ सनातन बोर्ड ‘ लेकर रहेंगे
  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर कार्यवाही करे सरकार
  • संत सम्मेलन में हिंदू एकता पर जोर, भविष्य के खतरों पर मंथन

वृंदावन/कानपुर। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठाने वाले चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार ने अरेस्ट करके जेल में डाल दिया । इस्कॉन संस्था ने भी उनसे पल्ला झाड़ लिया । हम बांग्लादेश सरकार को बता देना चाहते हैं कि चिन्मय कृष्णदास का चाहे इस्कॉन से संबंध हो या न हो लेकिन सनातन से उनका संबंध है। भारतीय सनातनी हिंदुओं की लड़ाई में उनको अकेले नहीं छोड़ेंगे। यह विचार व्यक्त करते हुए धर्मगुरु देवकीनंदन महाराज ने सनातन के लिए हिंदू एकता को जरूरी बताया। वे कानपुर में आयोजित सनातन संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे ।
गुरुवार को सनातन न्यास फाउंडेशन द्वारा मोतीझील स्थित कथा प्रांगण में सनातन बोर्ड के लिए संत सम्मेलन आयोजित किया गया। हजारों श्रोताओं से भरे पंडाल में संत, धर्माचार्यों ने सनातनी हिंदुओं के धार्मिक , सामाजिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता को भविष्य में सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होकर सनातन बोर्ड के गठन को जरूरी बताया।
सनातन न्यास के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज ने कहा कि किसी भी देश में हिंदुओं के लिए बोलने वाले व्यक्ति का संबंध भारत के सौ करोड़ हिंदुओं से है। भारत को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर कार्यवाही करनी चाहिए । मंदिर मस्जिद विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुगल आक्रांताओं ने जान बूझकर हिंदुओं को नीचा दिखाने के लिए मंदिरों को तोड़कर उसी स्थान पर मस्जिदें बनाईं। नहीं तो पुराने समय में जगह की कोई कमी नहीं थीं । कहा कि सनातनी स्थलों की सुरक्षा के लिए सनातन बोर्ड बनवाकर रहेंगे ।
सम्मेलन में दिल्ली में आयोजित सनातन धर्म संसद में रखे गए तीन बिंदुओं पर चर्चा की गई। इनमें मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि अतिक्रमण मुक्ति, सनातन बोर्ड का निर्माण, ओर तिरुपति मंदिर प्रसाद मिलावट के दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई। वहीं संतों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर चेताते हुए भारत में इस स्थिति से पहले ही संभल जाने का आव्हान किया।
संत सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे पूज्य जगत गुरू मुनीषा आक्षम सहित महामंडलेश्वर उदितानंद , महामंडलेश्वर अरुण पुरी, साध्वी वैदिक शरण, आनंद भारती, साध्वी शतरूपा, स्वामी रामानंद, स्वामी चंद्रानंद, स्वामी मयंक दास, महामंडलेश्वर कृष्ण दास, मधुर महाराज, गोविंद दास महाराज, महामंडलेश्वर गोविंद दास, महामंडलेश्वर देवाचरण देवाचार्य, देवशरण दास महाराज ने अपने विचार रखे ।
मंच संचालन सनातन न्यास फाउंडेशन सचिव विजय शर्मा ने किया।

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