Friday, May 23, 2025
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जी.एल. बजाज ने ग्रामीणों को दी साइबर सुरक्षा की जानकारी

संकाय सदस्यों ने गांव बड़ौत में चलाया जागरूकता अभियान
मथुरा। आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा हर नागरिक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनजान लिंक पर क्लिक करना या संदिग्ध संदेशों पर प्रतिक्रिया देना आपकी व्यक्तिगत जानकारी और वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, लिहाजा हम सतर्क रहें, अनजान लिंक से बचें तथा अपनी साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दें। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के संकाय सदस्यों तथा छात्र-छात्राओं ने बड़ौत गांव के लोगों को बताईं।
जी.एल. बजाज संस्थान द्वारा छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ उन्हें सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू कराया जाता है। इसी उद्देश्य से संस्थान द्वारा मथुरा जनपद के पांच गांवों को गोद लिया गया है। इन गांवों में समय समय पर जी.एल. बजाज के संकाय सदस्य तथा छात्र-छात्राएं उन्नत भारत अभियान के तहत न केवल जाते हैं बल्कि उन्हें साफ-सफाई, शिक्षा, नशामुक्ति तथा साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक भी करते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जी.एल. बजाज की टीम गांव बड़ौत पहुंची तथा ग्रामीणों को साइबर सुरक्षा की विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. प्रवीण अग्रवाल तथा डॉ. राजेश देवलिया ने ग्रामीणों को बताया कि सुरक्षित व्यवहार ही डिजिटल सशक्तीकरण की नींव है। संकाय सदस्यों ने कहा कि साइबरस्पेस हमें दुनिया भर के करोड़ों ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं से वर्चुअली जोड़ता है। साइबरस्पेस के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग, साइबर उत्पीड़न, बाल पोर्नोग्राफी, बलात्कार सामग्री आदि भी तेजी से बढ़ रहे हैं लिहाजा ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए हमें हर पल सावधान रहने की जरूरत है।
संकाय सदस्यों ने ग्रामीणों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें, उनके व्यवहार में बदलाव के संकेतों पर ध्यान दें। यदि आपका बच्चा ऑनलाइन ज्यादा समय बिताने लगा है तथा अपनी ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में रक्षात्मक या गुप्त रहने लगा है, तो यह साइबर ग्रूमिंग का संकेत हो सकता है। साइबर ग्रूमिंग एक ऐसी प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति यौन शोषण के लिए उनका विश्वास हासिल करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया या चैट विंडो के माध्यम से बच्चे के साथ भावनात्मक संबंध बनाता है।
बच्चे ज्यादा दोस्त बनाने के लिए सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग हटा देते हैं। ऐसे में प्रत्येक माता-पिता को बच्चों से सोशल मीडिया के जिम्मेदाराना इस्तेमाल के बारे में चर्चा करनी चाहिए। साथ ही उनकी मजबूत प्राइवेसी सेटिंग चुनने में मदद करनी चाहिए। संकाय सदस्यों ने सलाह दी कि कभी भी संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी ग्रामीणों को साइबर सुरक्षा की जानकारी दी। ग्रामीणों ने जी.एल. बजाज द्वारा चलाये गए साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि इससे पहले हमें इसकी जानकारी नहीं थी। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की सराहना की तथा कहा कि जी.एल. बजाज शिक्षा ही नहीं सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करने को प्रतिबद्ध है।
चित्र कैप्शनः ग्रामीणों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से साइबर सुरक्षा की जानकारी देते जी.एल. बजाज के विद्यार्थी।

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