


वृंदावन। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान द्वारा वृद्ध माताओं के लिए संचालित कृष्ण कुटीर महिला आश्रय सदन में रासलीला- वृन्दावन बानिक बन्यो का भव्य मंचन गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी वृंदावन की प्रशिक्षु बालिकाओं ने किया। ये अद्भुत प्रस्तुति देख वृद्ध माताएं व अन्य दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये।
एक दिव्य और भावविभोर कर देने वाली रासलीला ‘वृन्दावन बानिक बन्यो’ का भव्य मंचन का शुभारंभ महिला एवं बाल कल्याण की उप निदेशक श्रुति शुक्ला, जिला प्रोवेशन अधिकारी विकास कुमार, गीता शोध संस्थान वृंदावन के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना व प्रशासनिक अधिकारी शिल्पा मुरगई व गीता शोध संस्थान के कोआर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार संयुक्त रूप से किया।
रासलीला की संकल्पना एवं निर्देशन प्रख्यात रंगकर्मी व निदेशक प्रो. दिनेश खन्ना द्वारा की गई। मंच पर अकादमी की प्रशिक्षु बालिकाओं ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित रासलीला ‘वृन्दावन बानिक बन्यो’ में मनोहारी अभिनय एवं नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का हृदय जीत लिया। मंचन करने वालों में मोहिनी कृष्ण दासी, निशा, लवी, जयंती, राधिका, कामिनी पांडे, चांदनी, कामिनी, डोली, दीक्षा, सुमिति, द्रोपदी, विनीता, तनिष्का प्रिया, मोहिनी उपाध्याय, आकांक्षा रोशनी, पारुल, प्राची और जर्मन निवासी चंपकलता रहीं।
लीला के विभिन्न आयामों में ब्रज संस्कृति और नारी शक्ति का सुंदर समावेश दिखाई दिया। तबला संगत सुनील पाठक ने तथा सारंगी पर मनमोहन कौशिक ने अद्भुत संगत दी। वांसुरी संयोजन दीनानाथ ने किया। रास पदों का हारमोनियम पर गायन आकाश शर्मा ने किया।
रितु सिंह ने वस्त्र सज्जा की। लखनऊ के भातखंडे संस्कृति विवि की प्रशिक्षक वैभवी ने प्रशिक्षुओं को कथक सिखाया। रासलीला के संयोजन व कोआर्डिनेटर में चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने संचालन किया।
कृष्ण कुटीर के माधव सभागार में आयोजित रासलीला में बड़ी संख्या में ब्रजवासी, सांस्कृतिक क्षेत्र के गणमान्य लोग, छात्राएँ और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। रासलीला की अंतर्ध्वनि ने समस्त वातावरण को आध्यात्मिक भावों से सराबोर कर दिया। प्रस्तुति समाप्त होने पर दर्शकों ने खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
उप निदेशक श्रुति शुक्ला ने कहा कि रासलीला मंचन ने यह सिद्ध कर दिया कि पारंपरिक ब्रज रासलीला आज भी अपनी मूल आत्मा में जीवंत है और नई पीढ़ी इसे न केवल सीख रही है, बल्कि पूरी गरिमा से मंच पर प्रस्तुत भी कर रही है।
जिला प्रोवेशन अधिकारी विकास कुमार ने गीता शोध संस्थान को धन्यवाद दिया। प्रो दिनेश खन्ना ने गीता शोध संस्थान के प्रशिक्षण व आगामी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। मंचन की व्यवस्थायें कोऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, प्रशासनिक अधिकारी शिल्पा मुरगई, दीपक शर्मा व रामवीर सिंह आदि ने संभाली।