
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में समय और इंडस्ट्री की मांग के अनुसार नए नए पाठ्यक्रमों को तैयार कर उन्हें लागू किया जा रहा है। ये पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के भावी भविष्य का निर्माण करने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमबी चेट्टी ने जानकारी देते हुए बताया कि विवि में कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी और मशीन लर्निंग पाठ्यक्रमों के अलावा बी टेक और बीसीए के विद्यार्थियों को डाटा साइंस एंड बिजनेस एनालिटिक, फुल स्टेक डेवलपमेंट कोर्स भी पढ़ने को मिल रहे है।
प्रोफेसर चेट्टी ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 12वीं के बाद विद्यार्थी 4 साल के बी. टेक इन डेटा साइंस, 3 साल के बीसीए या बीएससी इन डेटा साइंस जैसे कोर्सेस में एडमिशन ले सकते हैं। इनके अलावा, डेटा साइंस में सर्टिफिकेट कोर्स भी किया जा सकता है। इन कोर्सेस के जरिए विद्यार्थी डेटा का इस्तेमाल और डेटा एनालिसिस करने के लिए जरूरी टूल्स और टेक्नीक्स सीख सकते हैं। डेटा साइंटिस्ट के तौर पर विद्यार्थी कठिन डेटा सेट को एनालाइज करके ट्रेंड्स पहचान सकते हैं, अनुमानित करने वाले मॉडल बना सकते हैं और निर्णय लेने के लिए जरूरी इनसाइट्स प्रदान कर सकते हैं।
इसी प्रकार क्लाउड एंड साइबर सिक्युरिटी कोर्स
बदलती तकनीकी दुनिया में विद्यार्थी अपना करियर बना सकते हैं। आज के समय में, तकनीकी ज्ञान और सुरक्षा क्षेत्र में उच्च स्तर का क्लाउड कम्प्यूटिंग और साइबर सिक्युरिटी कोर्स आज के समय में जरूरी हैं और ये करियर को एक नई दिशा में ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि क्लाउड कम्प्यूटिंग का मतलब होता है डेटा और सॉफ़्टवेयर को इंटरनेट के माध्यम से अपने सर्वरों पर नहीं बल्कि दूसरे सर्वरों पर संग्रहित करना।यह कई अन्य व्यवसायों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए एक मजबूत और सुरक्षित विकल्प है। यह कई उपयोग क्षेत्रों में अपनाया जा रहा है, जैसे कि वेब होस्टिंग, डेटा कलेक्शन, और साइबर सुरक्षा के लिए। साइबर सुरक्षा एक प्रक्रिया और तकनीक है जिसका उद्देश्य सिस्टम, नेटवर्क, और डेटा को सुरक्षित रखना होता है, ताकि ऑनलाइन साइबर हमलों से बचा जा सके। यह साइबर हमलों के खतरों से बचाव के लिए कई तरीकों का अध्ययन करता है, जैसे कि फ़ायरवॉल्स, वायरस स्कैनिंग, और उपयोगकर्ता प्रशिक्षण इत्यादि। क्लाउड कम्प्यूटिंग और साइबर सिक्युरिटी के क्षेत्र में अच्छे अवसर हैं। इन क्षेत्रों में नौकरियों की मांग बढ़ रही है और विद्यार्थियों के पूरे करियर को बना सकते हैं।आज के समय में हमारा जीवन तकनीकी माध्यमों पर निर्भर है। क्लाउड कम्प्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी को जानकर विद्यार्थी नवाचारिक और सुरक्षित तरीके से तकनीकी माध्यमों का उपयोग करसकते हैं।
प्रोफेसर चेट्टी ने बताया कि
फुल स्टैक डेवलपमेंट कोर्स एक ऐसा प्रोग्राम है जो फ्रंट-एंड और बैक-एंड वेब डेवलपमेंट दोनों के बारे में सिखाता है। यह कोर्स आपको वेब एप्लिकेशन के दोनों पहलुओं – यूजर इंटरफेस (फ्रंट-एंड) और सर्वर-साइड लॉजिक और डेटाबेस (बैक-एंड) – को विकसित करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है.
फुल स्टैक डेवलपमेंट कोर्स में कफ्रंट-एंड डेवलपमेंट के अंतर्गत एचटीएमएल, सीएसएस, जावा स्क्रिप्ट
और फ्रेमवर्क/लाइब्रेरी का उपयोग करके वेब एप्लिकेशन के यूजर इंटरफेस को डिजाइन और विकसित करना पढ़ाया जाता है। बैक-एंड डेवलपमेंट के अंतर्गत
सर्वर-साइड लैंग्वेज (जैसे कि पाइथन, नो.जेएस, पीएचएस, रुबी), डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम और वेब सर्वर का उपयोग करके एप्लिकेशन के बैक-एंड को विकसित करना पढ़ाया जाता है। फुल स्टैक कोर्स में, आप वेब डेवलपमेंट के हर पहलू को सीख सकते हैं, जिससे आपको एक बहुमुखी डेवलपर बनने में मदद मिलती है। फुल स्टैक डेवलपर्स की मांग अधिक होती है क्योंकि वे वेब एप्लिकेशन के सभी पहलुओं को संभाल सकते हैं.
एक व्यक्ति कंप्यूटर के साथ मेज पर बैठा है और फिनटेक में एआई का विश्लेषण कर रहा है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता फिनटेक क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उभरी है, जिसने वित्तीय सेवाओं को वितरित करने और उपभोग करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया है। वित्तीय सेवा उद्योग में एआई की भूमिका स्वचालन से परे है, यह विश्वास, गति और बुद्धिमत्ता में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।
उन्होंने बताया कि वित्तीय क्षेत्र में एआई का प्रभाव दूरगामी है, जो उद्योग को उसके मूल में बदल रहा है। आँकड़ों की मदद से, हम फिनटेक में एआई अपनाने की वर्तमान स्थिति के बारे में मूल्यवान जानकारी प्राप्त करते हैं और इस सहजीवी संबंध के भविष्य की झलक पाते हैं। हाल के वर्षों में फिनटेक उद्योग ने विस्फोटक वृद्धि का अनुभव किया है, जिसमें एआई ने इस विस्तार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैश्विक फिनटेक बाजार वर्तमान में 340.1 बिलियन डॉलर का है। वहीं, फिनटेक में एआई का बाजार मूल्य 44.08 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। 2.9% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ, वित्तीय प्रौद्योगिकी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की हिस्सेदारी अगले पाँच वर्षों में 50 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
प्रोफेसर चेट्टी का कहना है कि संस्कृति विश्विद्यालय में इन सभी उपयोगी विषयों को योग्य और अनुभवी शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जा रहा है।