Saturday, July 5, 2025
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जागरूक बन, सावधान रह उठाएं डिजिटल दुनिया का लाभः प्रो. नीता अवस्थीआईईटी लखनऊ के वेबिनार में जीएल बजाज की निदेशक ने साझा किए अनुभव


मथुरा। आज हम डिजिटल दुनिया के आगोश में हैं। डिजिटल दुनिया ने हमारे जीवन को कई तरह से बदल दिया है। यह शक्तिशाली उपकरण हमारे लिए कई अवसर प्रदान करता है लेकिन इसके साथ ही इसके नुकसान भी हैं। हमें डिजिटल तकनीक का उपयोग करते समय जागरूक और जिम्मेदार होना चाहिए ताकि हम इसके लाभों का आनंद ले सकें और इसके नुकसानों को कम कर सकें। यह बातें जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (आईईटी), लखनऊ द्वारा आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में बताईं।
‘आई-ट्रिपल-ई’ के महिला इंजीनियरिंग दिवस पर आयोजित वेबिनार में कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग में विशेषज्ञ प्रो. नीता अवस्थी ने “सुरक्षित साइबर स्पेस का नेतृत्व: तकनीक और सुरक्षा के लिए प्रकाश का सेतु बनती महिलाएं” विषय पर प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने डिजिटल जागरूकता की आवश्यकता और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि डिजिटल दुनिया जहां एक ओर अपार अवसर प्रदान करती है वहीं यह जिम्मेदार और सतर्क उपयोग की भी मांग करती है, खासकर युवाओं और महिला पेशेवरों के लिए।
प्रो. अवस्थी ने श्रोताओं को उनके डिजिटल अधिकारों तथा जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक और सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक की बदौलत दुनिया छोटी हो गई है और अब किसी अन्य स्थान पर स्थित व्यक्ति से संवाद करना सरल है। डेटा के केंद्रीकरण और पहुंच के कारण, डिजिटल युग ने आपके मोबाइल फोन पर एक बटन के स्पर्श पर कई तरह की जानकारियां उपलब्ध करा दी हैं। प्रो. अवस्थी ने बताया कि डिजिटल दुनिया के कई लाभ और नुकसान हैं। लाभों में त्वरित, आसान संचार, सूचना तक पहुंच, शिक्षा एवं मनोरंजन के नए अवसर तथा व्यावसायिक दक्षता में वृद्धि शामिल हैं तो नुकसानों में गोपनीयता संबंधी चिंताएं, साइबरबुलिंग, व्यसन तथा सामाजिक अलगाव शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मिलेनियल पीढ़ी के पास अब हर दिन, हर पल कुछ नया सीखने का विकल्प है। पहले, सीखने के लिए प्रासंगिक जानकारी की खोज करना, यदि वांछित हो तो पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करना, निर्दिष्ट स्थान पर यात्रा करना तथा एक निश्चित समय पर उसे समर्पित करना आवश्यक था। प्रो. अवस्थी ने अपने सत्र का समापन एक भावनात्मक कविता के साथ किया, जिसमें महिला सशक्तीकरण, तकनीक और आत्म-जागरूकता की भावनाओं को खूबसूरती से जोड़ा गया।
यह कार्यक्रम आईईटी लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव का हिस्सा था, जिसमें पहले दिन रंगोली और मेहंदी जैसी पारम्परिक सांस्कृतिक गतिविधियां हुईं, दूसरे दिन कविता पाठ तथा तीसरे दिन अतिथि व्याख्यान के साथ समापन हुआ। ‘आई-ट्रिपल-ई’ की ब्रांच काउंसलर प्रो. नीलम श्रीवास्तव ने सत्र का समापन करते हुए मुख्य वक्ता के प्रति आभार व्यक्त किया और तीनों दिनों की गतिविधियों का सारांश प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में लगभग 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें छात्र, संकाय सदस्य और ‘आई-ट्रिपल-ई’ के सदस्य शामिल थे। यह आयोजन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही माध्यमों से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ तथा सभी के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुआ।
चित्र कैप्शनः इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (आईईटी), लखनऊ द्वारा आयोजित वेबिनार में अनुभव साझा करते हुए जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी।

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