Friday, July 18, 2025
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के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सक बुलबुल के लिए बने भगवानभोजन करने में असमर्थ किशोरी की सर्जरी कर आहार नली बनाई

के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सक बुलबुल के लिए बने भगवान
भोजन करने में असमर्थ किशोरी की सर्जरी कर आहार नली बनाई
डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम को सर्जरी में लगे लगभग छह घंटे
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा बरसाना, मथुरा निवासी किशोरी बुलबुल के लिए भगवान साबित हुए। चिकित्सकों ने लगभग एक साल से भोजन ग्रहण करने में असमर्थ बुलबुल को सर्जरी के माध्यम से नई आहार नली बनाकर नया जीवन दिया है। अब बुलबुल न केवल पूरी तरह से स्वस्थ है बल्कि वह सामान्य तरीके से भोजन करने लगी है तथा उसका वजन भी बढ़ गया है।
जानकारी के अनुसार लगभग एक साल पहले बरसाना, जिला मथुरा निवासी बुलबुल (17 साल) पुत्री स्वर्गीय जगदीश के पेट में एसिड चले जाने से उसकी आहार नली सिकुड़ गई थी तथा वह मुंह से कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ हो गई। वह जो भी खाती उल्टी हो जाती। बुलबुल की परेशानी को देखते हुए परिजन उसे के.डी. हॉस्पिटल लाए और गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा से मिले। डॉ. मूंदड़ा ने उसका रंगीन एक्सरे तथा एंडोस्कोपी कराई, जिससे पता चला कि एसिड की वजह से उसकी आहार नली सिकुड़ गई है। एंडोस्कोपी करने के बाद भी उसकी भोजन नली में आई रुकावट दूर नहीं हो पाई।
अंततः डॉ. मूंदड़ा ने परिजनों को सर्जरी की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद 17 जून को डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम द्वारा किशोरी की बड़ी आंत के एक हिस्से से नई आहार नली (इसोफेगस) बनाने का निर्णय लिया। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि कोलोनिक पुल-अप नामक इस सर्जरी की प्रक्रिया में आंत का हिस्सा पेट से होते हुए छाती के रास्ते गले तक खींचा गया। जोखिम भरी इस सर्जरी में लगभग छह घंटे का समय लगा। सर्जरी पूरी तरह सफल रही। डॉ. मूंदड़ा ने बताया कि इस सर्जरी की सबसे बड़ी चुनौती आहार नली के पास स्थित वायस बाक्स को सुरक्षित रखना था। थोड़ी सी भी चूक से किशोरी की हमेशा के लिए आवाज जा सकती थी। इस मुश्किल सर्जरी में डॉ. मुकुंद मूंदड़ा का सहयोग डॉ. यतीश, डॉ. अपूर्वा, डॉ. दिव्या, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू सक्सेना तथा टेक्नीशियन शिवम ने किया।
17 जून को सर्जरी के बाद किशोरी को सीसीयू में रखा गया। जनरल वार्ड में शिफ्ट करने के बाद बुलबुल ने सातवें दिन से मुंह से भोजन करना शुरू कर दिया। पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद उसे 10 जुलाई को छुट्टी दे दी गई। यद्यपि यह सर्जरी जून माह में हुई लेकिन चिकित्सक नियमित तौर पर फोन और फालोअप के लिए बुलाकर उसके स्वास्थ्य की निगरानी करते रहे। डॉ. मूंदड़ा के अनुसार सामान्य तरीके से भोजन करने से अब मरीज का वजन भी बढ़ गया है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बड़ी और सफल सर्जरी के लिए डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम को बधाई देते हुए किशोरी बुलबुल के स्वस्थ, सुखद जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः बुलबुल और उसकी सर्जरी करने वाली के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों की टीम।

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