विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य और व्यक्तित्व के निर्माण में जुटा संस्कृति विवि

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही संस्कारयुक्त, विश्वस्तरीय शिक्षा विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुनौतियों का सामना का साहस प्रदान करती है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्र और विभिन्न एमओयू ने छात्रों को सफलता के उच्च पायदानों पर पहुंचने में मदद की है।
विवि के कुलाधिपति डा सचिन गुप्ता बताते हैं, संस्कृति विश्वविद्यालय उन कुछ विश्वविद्यालयों में से एक है, जिन्हें राज्य सरकार से 1 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की मंजूरी मिली है। संस्कृति विश्वविद्यालय ने बौद्धिक पूंजी संरक्षण के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने के साथ अपनी अलग पहचान बनाई है, जिसे अत्यधिक योग्य, अनुभवी, भावुक, गतिशील वातावरण के प्रति भविष्यवादी दृष्टिकोण के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
विवि शिक्षकों द्वारा विद्वान कुलपति के निर्देशन में छात्रों को सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए अपनी योग्यता, विशेषज्ञता और अनुभव का सर्वश्रेष्ठ दिया है और दे रहे हैं। विश्वविद्यालय की सोच है कि विद्यार्थियों को मूल्य-आधारित शिक्षा दी जाए। विवि अपनी इसी सोच के साथ विश्व के गिने-चुने शिक्षण संस्थानों के मध्य अपना नाम दर्ज करना चाहता है। विवि के अत्याधुनिक कैरिकुलम के अंतर्गत छात्र विभिन्न प्रकार के परंपरागत और इंडस्ट्रीज की मांग के अनुसार तैयार नवीनतम पाठ्यक्रमों में से अपनी रुचि के अनुरूप चुनाव कर सकते हैं, चाहे वह प्रबंधन, वाणिज्य, इंजीनियरिंग, शिक्षा, विज्ञान, भारतीय चिकित्सा, पैरा-मेडिकल, कृषि या कला आदि हो।
संस्कृति विश्वविद्यालय को शिक्षा, शोध और संस्कृति के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रशंसा पत्र और कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, बौद्धिक संपदा भारत द्वारा सबसे अधिक पेटेंट आवेदनों के साथ विश्वविद्यालय भारत में सातवें स्थान पर है। इसने नवाचार उपलब्धियों पर संस्थानों की अटल रैंकिंग (एआरआईआईए), 2021 में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 30 ‘बैंड संस्थानों’ की सूची में स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय को एसोचैम द्वारा वर्ष के उभरते विश्वविद्यालय का पुरस्कार भी मिला है।
इसकी छात्र विविधता के लिए सराहना की गई है और इसे हिंदुस्तान शिक्षा शिखर सम्मान द्वारा बुनियादी ढांचे और अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ युवा विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है। हाल ही में, चांसलर सचिन गुप्ता को उभरते और शोध विश्वविद्यालय के रूप में शैक्षिक उत्कृष्टता और बुनियादी ढाँचा सुविधाओं के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया से पुरस्कार मिला। संस्कृति विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक ज्ञान और कौशल से सामंजस्य बिठाने के लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, यूएसए, ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय प्रबंधन और प्रौद्योगिकी संस्थान, ऑस्ट्रेलिया, यूनिवर्सिडैड विला मारिया, अर्जेंटीना, काकेशस अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, जॉर्जिया, फ्रेडेरिक्टन विश्वविद्यालय, कनाडा और कई अन्य के साथ हाथ मिलाया (एमओयू) है। विश्वविद्यालय में अन्य सार्क देशों के छात्र भी हैं। छात्र और संकाय विनिमय कार्यक्रमों के लिए विश्विद्यालय ने 25 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय देशों के साथ गठजोड़ किया है।
संस्कृति विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक मानक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र (नवाचार, इनक्यूबेशन, बौद्धिक संपदा अधिकार, उद्यमिता, जिसे आईआईआईइ प्रणाली के रूप में जाना जाता है, अपनाई है।
संस्कृति विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट सेल की ट्रेनिंग कोर के प्रयासों के परिणामस्वरूप विवि के विद्यार्थी ख्यातिप्रात कंपनियों में प्लेसमेंट हासिल कर रहे हैं। इतना ही नहीं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और मनोरंजन का भी विश्वविद्यालय द्वारा विशेष ध्यान रखा जाता है। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए मैदान, शारीरिक सौष्ठव के लिए अत्याधुनिक जिम है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के मनोरंजन के लिए अनेक कार्यक्रम जिनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकार और खिलाड़ी आते हैं और अपनी प्रस्तुति देते हैं।