
संस्कृति विश्वविद्यालय ने 10 स्टार्टअप्स को दी 10 लाख की ग्रांट
अब एग्रीटेक और बायोटेक स्टार्टअप्स को लगेंगे पंख
मथुरा। भारत में स्टार्टअप संस्कृति को सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत में नवाचार को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, संस्कृति विश्वविद्यालय ने डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी-इन्क्लुसिव टेक्नलाजी बिजनेस इंक्युबेटर(डीएसटी-आईटीबी) योजना के तहत 10 नवोन्मेषी स्टार्टअप्स को चयनित किया है। प्रत्येक स्टार्टअप को ₹10 लाख की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। यह पहल न केवल एग्रीटेक और बायोटेक क्षेत्रों में नवाचार को गति प्रदान करेगी, बल्कि यह कृषि, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।
संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डा.गजेंद्र सिंह ने बताया कि चयन समिति के समक्ष चयन के लिए 27 इनोवेटिव आइडिया प्रस्तुत किए गए। चयन प्रक्रिया 17 जुलाई को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित की गई, जिसमें दो स्लॉट्स में इनोवेटिव आइडियाज प्रस्तुत किए गए। पहले स्लॉट में 10 स्टार्टअप ने प्रस्तुति दी, जिनमें से चार स्टार्टअप्स चयनित हुए। दूसरे स्लॉट में 17 स्टार्टअप ने भाग लिया, जिनमें से 6 स्टार्टअप्स का चयन किया गया। इस चयन प्रक्रिया का मूल्यांकन डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी की टीम और एक विशिष्ट विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया, जिसमें तकनीकी दक्षता, नवाचार की प्रासंगिकता, व्यावसायिक मॉडल की व्यवहार्यता और सामाजिक प्रभाव जैसे मानदंडों को प्रमुखता दी गई।
स्टार्टअप के लिए बनी चयन समिति में संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. (डॉ.) एम. बी. चेट्टी, आईसीएआर के पूर्व कुलपति डॉ. पी. जी. चेंगप्पा, DST, नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. सी. एस. यादव, वैज्ञानिक, हीथा एग्री फिनटेक प्रा.लि. के संस्थापक एवं सीईओ डॉ. जगदीश सुंकड़, सीटीआई, केएलई टेक युनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. विनायक, सस्कृति विवि स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. कंचन के. सिंह, शारदा लांचपैड शारदा विवि के सीईओ अनुराग पांडे, पीसीआईटी कानपुर के सीईओ अनुराग धवन, संस्कृति विवि के इंक्युबेटर सेंटर के सीईओ डॉ. गजेन्द्र सिंह शामिल थे।
चयन प्रक्रिया के दौरान गायोनिज, इको विबीज, ग्रीन शिफ्ट, एसएम एंटरप्राइज, घाड नेचुरल प्रा.लि., महक, टेकनाइट एजुटेक प्रा.लि., जीएस एंटरप्राइज(भूमि भूम एआई), एग्रीनिरी एवरग्रीन प्राइवेट लि. के इनोटिव आईडियाज का स्टार्टअप के लिए चयन किया गया।
डा. गजेंद्र सिंह ने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा चयनित स्टार्टअप्स न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के ग्रामीण इलाकों में तकनीकी बदलाव की अग्रदूत बन सकते हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय का यह प्रयास राष्ट्रीय स्टार्टअप मिशन, आत्मनिर्भर भारत, और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों के अनुकूल है। विश्वविद्यालय एक कृषि क्षेत्र में एक बड़े तकनीकि सेंटर के रूप में उभरने की दिशा में अग्रसर है, जो छात्रों, शोधकर्ताओं और युवा उद्यमियों को एक उपयोगी प्लेटफार्म प्रदान करता है।