Tuesday, August 26, 2025
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संस्कृति विवि में ‘गाईडेंस’, ‘काउंसलिंग’ में भी डिप्लोमा करने का मिलेगा मौका

चित्र परिचयः प्रोफेसर एमबी चेट्टी


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय नित नए-नए और उपयोगी पाठ्यक्रमों को अपने नए सत्र के लिए कैरीकुलम में शामिल कर रहा है। हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने वर्तमान पीढ़ी में बढ़ते तनाव के स्तर को स्वीकार किया है और शैक्षणिक दबाव, सामाजिक अपेक्षाएँ और करियर की अनिश्चितताओं को इनका प्रमुख कारण बताया है। मार्गदर्शन एवं परामर्श में डिप्लोमा इन ज़रूरी ज़रूरतों के प्रत्यक्ष समाधान के रूप में तैयार किया गया है और यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल्यों और दृष्टिकोण पर आधारित है।
संस्कृति विवि के कुलपति ने बताया कि इसकी अवधि एक वर्ष होगी और इंटरैक्टिव सत्र द्विभाषी मोड में ऑनलाइन होंगे। यह शिक्षकों, इच्छुक परामर्शदाताओं और चिंतित अभिभावकों को आज के युवाओं की ज़रूरतों को समझने और उनका समाधान करने के लिए आवश्यक योग्यता प्रदान करने में मदद करेगा। शिक्षक और शिक्षाविद अपनी कक्षाओं में पढ़ाते समय परामर्श कौशल का उपयोग करने में कुशल बनेंगे, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेंगे और परामर्श के क्षेत्र में अपना करियर बना सकेंगे। यह उन्हें भावनात्मक समर्थन के साथ युवाओं के व्यवहार को सही दिशा में बदलने में भी मदद करेगा।
आजकल इसकी बहुत आवश्यकता है क्योंकि युवा कभी-कभी यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें क्या करना चाहिए और गलत आदतों में लिप्त हो जाते हैं। आजकल हर शैक्षणिक संस्थान, उद्योग, निगम को न केवल अपने छात्रों के लिए, बल्कि अपने कर्मचारियों के लिए भी परामर्शदाताओं की आवश्यकता होती है, इसलिए यह डिप्लोमा परामर्शदाता की नौकरी पाने में भी आपकी मदद करेगा।
शैक्षणिक प्रौद्योगिकी में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
प्रौद्योगिकी में तीव्र प्रगति ने विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति ला दी है और शिक्षा उनमें से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह एक तथ्य है कि यदि हम समाज में कोई बदलाव लाना चाहते हैं, तो केवल शिक्षा ही एक महत्वपूर्ण साधन की भूमिका निभा सकती है। हालाँकि शिक्षक अक्सर अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं, फिर भी कई शिक्षकों के पास प्रौद्योगिकी का सहज और प्रभावी उपयोग करने हेतु तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव होता है।
यह तीन महीने का ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शिक्षण दक्षता को बढ़ाएगा, शिक्षकों को व्यावहारिक कौशल से लैस करेगा, विविध शिक्षण आवश्यकताओं का समर्थन करेगा और ज्ञान के अंतर को पाटेगा। यह पाठ्यक्रम शिक्षकों को न केवल तकनीकी उपकरणों के उपयोग में कुशल बनाएगा, बल्कि वे 21वीं सदी के शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले आकर्षक और प्रभावशाली ऑनलाइन पाठों को डिज़ाइन और प्रस्तुत करना भी सीखेंगे।

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