
चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ 2025 के अंतर्गत विवि में वृक्षारोपण करते नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘दीक्षारंभ 2025’ का आयोजन विधिविधान के साथ हुआ। मंत्रोच्चार के मध्य हवन से उठी पवित्र ज्वाला की तपिश और हवन सामग्री की सुगंध ने विद्यामंदिर के समस्त वातावरण को सुखद बना दिया। नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एक ओर अनुशासन का पाठ पढ़ाया तो दूसरी ओर उनको बताया कि विवि में उनके अध्ययन के लिए किस तरह की विश्वस्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं।
दो सितंबर तक चलने वाले इस दीक्षारंभ कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्कृति विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय द्वारा नव प्रवेशित बी.फार्मा, डी.फार्मा और एम.फार्मा प्रथम वर्ष के छात्रों को इंटरैक्टिव सत्रों, कार्यशालाओं और गतिविधियों की एक श्रृंखला के माध्यम से उनकी शैक्षणिक यात्रा के लिए तैयार किया गया। फार्मेसी विभाग के डा. हर्ष भारद्वाज ने नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को शैक्षणिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों को ओरिएंटेशन, प्रेरणा और कौशल पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम द्वारा एक सकारात्मक शिक्षण वातावरण और छात्रों को आत्मविश्वास और उत्साह के साथ विवि में शिक्षा आरंभ करने के लिए तैयार किया गया। कार्यक्रम में नवीन सत्र के विद्यार्थियों को एसपीआरसी के प्राचार्य डॉ. डी. के. शर्मा, संस्कृति
प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट विभाग की डॉ. अर्पणा, डॉ. एस. पटनायक, डा. कल्पना स्वैन, सिनायक कुमार दुबे, और सुश्री वर्षा स्नेही ने विभिन्न विभागों और खेल, मनोरंजन से जुड़ी जानकारियां दीं। दीक्षारंभ कार्यक्रम के दूसरे दिन नवीन सत्र के विद्यार्थियों को परिसर भ्रमण और प्रयोगशालाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। छात्रों को संस्कृति विश्वविद्यालय के फार्मेसी स्कूल में उपलब्ध शैक्षणिक बुनियादी ढाँचे, प्रयोगशालाओं और सुविधाओं से परिचित कराया गया। कार्यक्रम का समन्वय करने वालों में डॉ. कल्पना स्वैन, सुश्री वर्षा स्नेही, डॉ. संतोष चतुर्वेदी, सुश्री श्रद्धा गौतम, सुश्री सुप्रिया दास शामिल रहीं। इसी के साथ बी.एससी. कृषि, एम.एससी. कृषि विज्ञान एवं कृषि
व्यवसाय प्रबंधन प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों ने प्रयोगशालाओं के अवलोकन के साथ-साथ वृक्षारोपण में भी भाग लिया। विद्यार्थियों को पर्यावरण के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया। संस्कृति के कृषि विद्यालय की प्रयोगशालाओं के भ्रमण के दौरान उपकरणों और रसायनों के बारे में जानने में विस्तार से जानकारी दी गई।