Thursday, September 11, 2025
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जीएलए के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में तकनीकी नवाचारों पर मंथन को जुटे विशेषज्ञ और शोधार्थी-जीएलए में आयोजित 7वीं ‘इस्कॉन‘ में जुटे विषेशज्ञ और शोधार्थी


मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के कम्प्यूटर इंजीनियरिंग एंड एप्लीकेशन विभाग द्वारा आयोजित 7वीं ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेन्स ऑन इन्फॉरमेशन सिस्टम एण्ड कम्प्यूटर नेटवर्कस‘ पर बोलते हुए आइआइआइटी पुणे, नागपुर, वीजेटीआई मुंबई के पूर्व निदेशक एवं वीएनआइटी नागपुर के सीएसई विभाग के प्रोफेसर डा. ओमप्रकाश गोपाल काकडे ने कहा कि मुझे सातवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ऑन ‘इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स एंड कम्प्यूटर नेटवर्क्स‘ का हिस्सा बनने का अवसर प्राप्त हुआ। यह सम्मेलन केवल शोध और तकनीकी नवाचारों को साझा करने का मंच ही नहीं है, बल्कि युवाओं, शोधार्थियों और विद्वानों के लिए आपसी सहयोग, संवाद तथा विचार-विमर्श का भी एक अनमोल अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि आज के समय में जब संपूर्ण विश्व डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है, तब सूचना प्रौद्योगिकी और नेटवर्किंग का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। ऐसे वैश्विक आयोजन हमें नई तकनीकों से रूबरू कराते हैं, भविष्य की संभावनाओं की ओर अग्रसर करते हैं और युवाओं में शोध एवं नवाचार की नई ऊर्जा का संचार करते हैं। यहां प्रस्तुत किए जाने वाले शोध कार्य न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सशक्त करेंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत भी सिद्ध होंगे।

विशिष्ट अतिथि डी एंड आइ टेक्नोलॉजी एवं एस एंड पी ग्लोबल, नोएडा की हेड अंजुम खान ने कहा कि आज हम एक ऐसे दौर में हैं, जहां सूचना प्रौद्योगिकी और नेटवर्किंग मानव जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। इस मंच पर देश-विदेश के विद्वानों ने भी अपने अनुभव और शोध साझा किए हैं, जो निश्चित रूप से हम सबके ज्ञान को समृद्ध करेंगे। मुझे विश्वास है कि यहाँ से निकलने वाले विचार और नवाचार समाज व राष्ट्र की प्रगति में अहम भूमिका निभाएंगे।

वेल्यूएशन, एस एंड पी ग्लोबल नोएडा के हेड ऑफ टेक्नोलॉजी डा. रवि प्रकाश वार्ष्णेय ने बताया कि आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी आधुनिक तकनीकें सूचना प्रणालियों और कंप्यूटर नेटवर्क्स के स्वरूप को पूरी तरह बदल रही हैं।
इन उभरती हुई तकनीकों पर गहन चर्चा और विचार-विमर्श न केवल भविष्य की तकनीकी चुनौतियों का समाधान खोजने में सहायक सिद्ध होगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए नए अवसरों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इस प्रकार के सम्मेलन शोधकर्ताओं, उद्योग जगत और शिक्षा क्षेत्र को एक साझा मंच उपलब्ध कराते हैं।

एबीवी आइआइटीएम ग्वालियर के निदेशक प्रो. एसएन सिंह ने कहा कि आज के युग में जिसके पास सही सूचना है वही भविष्य की योजनाओं का निर्माण कर सकता हैं। उन्होंने कहा कि हम इन्फॉरमेटिक्स के माध्यम से शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को जान सकते है और उसके मुताबिक हम शेयर बाजार में निवेश कर सकते है।

कोफोर्ज के परफार्मेंस लीडर दीपक खत्री ने कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर में चुनौतियां के साथ-साथ अवसर भी बहुत हैं, लेकिन इसके लिए बेहतर अनुसंधान की जरूरत है। इस तकनीकी युग में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों को जागरूक होने की आवश्यकता है। क्योंकि इंडस्ट्री की मांग के अनुसार विद्यार्थी तैयार होंगे तो, अवसर भी बेहतर मिलेंगे।

सिस्को के सीनियर टेक्निकल लीडर डा. आदित्य शुक्ला ने विद्यार्थियों से कहा कि उनका उद्देश्य अच्छे तकनीकी विद् बनने के साथ-साथ अच्छे नागरिक बनने का भी होना चाहिये। साथ ही हमें समाज को तकनीकी के माध्यम से सहयोग करना चाहिए। क्योंकि आज के समय में विद्यार्थियों को किसी भी एक विधा में महारथ हासिल करने से ही नौकरी व व्यवसाय के कई अवसर मिल सकते हैं। इसलिए विद्यार्थी बाजार में अवसरों को हासिल करने के लिए पुरजोर प्रयास करें।

जीएलए के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीते सत्र में ही कंपनियों ने 2500 से अधिक छात्रों को रिकॉर्ड तोड़ जॉब ऑफर प्रदान किए। वर्तमान सत्र में भी कंपनियां लगातार कैंपस प्लेसमेंट कर रही हैं। यह सब बेहतर तकनीकी शिक्षा का कमाल है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री की मांग के अनुसार विद्यार्थी तैयार होंगे तो, अवसर भी बेहतर मिलेंगे।

इस अवसर पर सभी अतिथियों ने विश्वविद्यालय का भ्रमण भी किया और उपलब्ध संसाधनों, शिक्षक-शिक्षिकाओं व विद्यार्थियों के तकनीकी ज्ञान की भूरि-भूरि सराहना की। साथ ही कई लोगों ने आपस में आगे शोध कार्य साथ करने के लिए भी सहमति जतायी।

कॉन्फ्रेंस के अंत में कन्वेनर डॉ. आशीष शर्मा ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस्कॉन की श्रंखला पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है। कार्यक्रम के सफल रूप से संपन्न होने पर कॉन्फ्रेन्स जनरल चेयर आइईटी डीन प्रो. अशोक भंसाली तथा प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने बताया कि इस संगोष्ठी के लिये भारत, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, नामीबिया, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, नेपाल, सऊदी अरेबिया, दक्षिण अफ्रीका ओमान, यूएई और यूएसए से करीब 1055 से भी ज्यादा शोध-पत्र प्राप्त हुए एवं आइईईई की जटिल समीक्षा पद्धति के उपरान्त कुल 204 शोध-पत्रों को संगोष्ठी में प्रेजेंट किये जाने की अनुशंसा की है।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप राठौर, को-कन्वेनर डा. राकेश गालव, एसोसिएट प्रोफेसर डा. निखिल गोविल, डा. अजितेश कुमार, मोना कुमारी, डा. राजेश त्रिपाठी, डा. मुनमी गोगोई, डा. जोगिन्द्र, अनुपम, डा. स्वाती, डा. सुभाष, डा. राहुल प्रधान एवं डा. पूजा पाठक का सहयोग सराहनीय रहा।

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