
मथुरा। छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और नेतृत्व क्षमता विस्तार के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में प्रतिष्ठित ग्लोबल स्टार सिम्पोजियम कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने प्रौद्योगिकी और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे वैश्विक मुद्दों पर अपनी अभिनव परियोजनाओं का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी, विभागाध्यक्ष एमबीए डॉ. शशिशेखर तथा प्राचार्य प्रिया मदान ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
ग्लोबल स्टार सिम्पोजियम कार्यक्रम में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने न केवल अपनी बौद्धिक कल्पना से वैश्विक विकास का खाका खींचा बल्कि अपनी ज्ञानवर्धक सोच से अतिथियों को कायल कर दिया। अंत में निर्णायकों ने छात्र-छात्राओं की बौद्धिकता के आधार पर दुष्यंत शर्मा को बेस्ट डेलिगेट, विवान सारस्वत को बेस्ट ओरेटर, स्तुति द्विवेदी को बेस्ट प्रेजेंटर एवं हार्दिक शर्मा को बेस्ट रिसर्चर के लिए चुना गया। अतिथियों ने विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए उनकी कल्पनाशीलता की मुक्तकंठ से सराहना की।
डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि 21वीं सदी के उत्थान में युवाओं की भूमिका अहम है। डॉ. लाहौरी ने कहा कि जब बच्चे कल्पना करते हैं, तो वे बिना किसी भौतिक सीमा के एक दुनिया की कल्पना करते हैं। इससे उन्हें चीज़ों को एक नए नजरिए से देखने और एक अलग दृष्टिकोण अपनाकर समाधान ढूंढ़ने में मदद मिलती है। यह उन्हें खुद को अभिव्यक्त करने में भी मदद करता है और उन्हें अपने आस-पास की चीजों के कामकाज पर सवाल उठाने के लिए प्रेरित करता है। डॉ. लाहौरी ने आयोजन की सराहना की।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं की कल्पनाशीलता की सराहना करते हुए कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल समाज के विकास में योगदान देने वाली पीढ़ी तैयार करने को प्रतिबद्ध है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि भावी पीढ़ी को पढ़ाई के समय में ही नवाचार को बढ़ावा देने और नए शोध करने को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को सीख दी कि वे शोध के दौरान असफलताओं से निराश नहीं हों बल्कि सफलता प्राप्त होने तक अपने प्रयास जारी रखें।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि चूंकि भविष्य में शिक्षा एवं समाज को आकार देने में युवाओं की भूमिका अग्रणी रहेगी लिहाजा उन्हें अभी से समाज में सार्थक बदलाव लाने के लिए तैयार किया जाना जरूरी है। प्राचार्य प्रिया मदान ने अपने सम्बोधन में कहा कि ग्लोबल स्टार सिम्पोजियम एक आयोजन ही नहीं बल्कि युवा मस्तिष्क को वैश्विक स्तर पर सोचने और जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए सशक्त बनाने का एक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं में जिज्ञासा, एकाग्रता और नवाचार का बीजारोपण ही आरआईएस का मुख्य उद्देश्य है। आयोजन की सफलता में गरिमा जैन, श्याम पांडेय, प्रिया गर्ग, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रांत आदि शिक्षकों का विशेष योगदान रहा।
चित्र कैप्शनः अतिथियों के साथ ग्लोबल स्टार सिम्पोजियम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राएं।