Tuesday, September 16, 2025
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मातृभाषा हिंदी के प्रति वी पी एस के छात्रों ने जगाई सम्मान की अलख

वृंदावन। राष्ट्रभाषा हिंदी हमारी संस्कृति की एकता का प्रतीक व गौरव का पर्व है। इन्हीं भावों को छात्रों में स्थानांतरित करने के उद्देश्य से वृंदावन पब्लिक स्कूल में हिंदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई lकार्यक्रम की शुरुआत विद्या की देवी मां सरस्वती के कर-कमलों में श्रद्धा व समर्पण के साथ श्लोक से हुई । शिक्षिका अंजना शर्मा के निर्देशन में हिंदी भाषा को समर्पित गीत हिंदी भाषा राष्ट्र की भाषा, प्रजातंत्र के शास्त्र की भाषा से हुई। जिसने समस्त वातावरण को हिंदी मय कर दिया। कार्यक्रम में कक्षा 6 के छात्र लव द्वारा एक विचार प्रस्तुत किया गया जिसमें हिंदी भाषा का महत्व परिलक्षित हुआ। साथ ही छात्रा परी ने हिंदी की दुर्दशा पर सस्वर कविता वाचन किया।
हिंदी शिक्षिका पार्वती शर्मा के मार्गदर्शन में एक लघु नाटिका का मंचन हुआ जिसका उद्देश्य छात्रों में हिंदी के प्रति प्रेम जगाना था। नाटिका में आल्या, नव्या गौतम शर्मिष्ठा व मोहित तिवारी ने अपने संवाद व अभिनय से सभी को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। मेघा शर्मा व पार्वती शर्मा के निर्देशन में दोहावली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रों ने तुलसी, रहीम, कबीर, रैदास आदि भक्ति काल के कवियों के दोहों का सस्वर वाचन कर समस्त वातावरण को भक्तिमय कर दिया। कक्षा 9 से 12 वर्ग में पात्र -अभिनय’ नामक प्रतियोगिता का मंचन किया गया। जिसमें शकुनि व दुर्योधन के रूप में सक्षम वर्मा व घनश्याम मुद्गल, गांधारी व कुंती के रूप में खुशी अग्रवाल व भूमि, कृष्ण व अर्जुन के रूप में सौरभ भारद्वाज व प्रथमेश ने अपनी भाव भंगिमाओं से समस्त पात्रों को मंच पर जीवंत कर दिया। प्रतियोगिताओं में निर्णायक मंडल की भूमिका प्रियदर्शनी आचार्य, डॉक्टर अनीता चौधरी, मनोज सारथी व पार्वती शर्मा ने निभाई। डॉ अनीता चौधरी ने आभार जताया।
इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक डॉ ओम जी ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की तथा प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने कहा कि हम चाहे कितनी भी ऊंचाई पर हो पर जडें हमारी जमीन में ही होनी चाहिए। वैसे ही वर्तमान में हम करियर को दृष्टिगत रखते हुए अंग्रेजी शिक्षा में पठन-पाठन कर रहे हैं परंतु हमें हिंदी को भी नहीं भूलना चाहिए। संचालन दिशि गोस्वामी, प्रिया अग्रवाल, आयुष्मान व कृतिका अग्रवाल ने किया।

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