Thursday, September 18, 2025
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“सीएसआईआर-नेट में 69वीं रैंक, जीएलए की अल्यूमना ने किया गौरवान्वित”


मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा की बायोटेक्नोलॉजी विभाग में बीटेक बायोटेक्नोलॉजी की मेधावी अल्यूमना रिया शर्मा ने प्रतिष्ठित सीएसआईआर नेट जून 2025 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 69 प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि जीएलए के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और मथुरा जनपद का भी नाम पूरे देश में रोशन किया है।

रिया वर्तमान में नोएडा से एमटेक कर रही हैं। उन्होंने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि नेट देश की सबसे कठिन और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है। पढ़ाई के साथ इसकी तैयारी करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उनका लक्ष्य साफ था कि नेट क्वालीफाई कर किसी प्रतिष्ठित संस्थान से पीएचडी करें। इस लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया और कभी हार नहीं मानी।

उन्होंने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय में बीटेक बायोटेक की पढ़ाई के दौरान उनका अनुभव बेहद समृद्ध रहा। यहां का प्रतिस्पर्धी और सहयोगी माहौल, साथ ही संकाय सदस्यों का सतत मार्गदर्शन उनकी उपलब्धियों की नींव बना। यहां के शिक्षक सिर्फ शिक्षक नहीं, बल्कि मार्गदर्शक भी रहे, जिन्होंने हर कदम पर उनका उत्साह बढ़ाया और प्रेरणास्त्रोत रहे।

रिया ने विशेष रूप से विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए अवसरों का उल्लेख किया। चाहे उनकी रुचि के क्षेत्र से संबंधित इंटर्नशिप रही हो या उद्यमशीलता परियोजनाओं पर काम, हर अवसर ने उनके आत्मविश्वास को मजबूत किया और उन्हें भविष्य की नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि इन अनुभवों ने न केवल उनके ज्ञान को बढ़ाया बल्कि उनके व्यक्तित्व को भी संवारा और यही अनुभव आज उनकी सफलता की बड़ी वजह बने।

अपनी इस उपलब्धि का श्रेय रिया अपने माता-पिता और विभागीय शिक्षकों को देती हैं। उनका कहना है कि माता-पिता का अटूट समर्थन और जीएलए विश्वविद्यालय के शिक्षकों का सतत मार्गदर्शन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत रहे। रिया ने भावुक होते हुए कहा कि यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि मन में लक्ष्य हो और उसे पाने का दृढ़ निश्चय हो तो कड़ी मेहनत, एकाग्रता और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने कहा कि रिया की सफलता हमारे विभाग और विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने अपनी लगन, परिश्रम और दृढ़ संकल्प से यह साबित किया है कि जीएलए के विद्यार्थी किसी भी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं। उनकी यह उपलब्धि आने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बनेगी। विभाग के शिक्षकगण आगे पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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