
संस्कृति विवि के विद्यार्थी बनेंगे उद्यम की दुनियां में चेंज मेकर
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय ने अशोका – इनोवेटर्स फॉर द पब्लिक और कनेक्टिंग ड्रीम्स फाउंडेशन (सीडीएफ), नई दिल्ली के साथ साझेदारी में यूनिवर्सिटी चेंजमेकिंग इनिशिएटिव (यूसीआई) की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी) और सामाजिक उद्यमिता में भविष्य के अनुरूप कौशल प्रदान करना है। यूनिवर्सिटी चेंजमेकिंग इनिशिएटिव के अंतर्गत क्षमता-विकास कार्यशालाएँ, उद्योग विशेषज्ञों का मार्गदर्शन, और नवाचार चुनौतियाँ शामिल होंगी। इसके साथ, संस्कृति विश्वविद्यालय एआई-आधारित नवाचार और सामाजिक प्रभाव को उच्च शिक्षा में समाहित करने में अग्रणी संस्थान के रूप में लगातार नए कदम उठा रहा है।
इस पहल का शुभारंभ विश्वविद्यालय परिसर में सीडीएफ द्वारा आयोजित एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम के साथ हुआ, जिसने नवाचारकों, समस्या-समाधानकर्ताओं और सामुदायिक लीडर को तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण यात्रा की शुरुआत की। लॉन्च के दौरान चेंजमेकर लीग प्रस्तुत की गई। यह एक इंटरएक्टिव मंच है जहाँ छात्र टीमें एआई आधारित समाधान तैयार कर वास्तविक सामुदायिक चुनौतियों का सामना करेंगी। आने वाले महीनों में टीमें स्थानीय महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान करेंगी, नवीन परियोजनाएँ विकसित कर उनका परीक्षण करेंगी और अपने परिणाम स्पार्क 2026, राष्ट्रीय सामाजिक परिवर्तन प्लेटफार्म पर प्रस्तुत करेंगी। इस पहल में चेंजमेकर दोस्त नामक एक एआई-संचालित डिजिटल साथी भी शामिल है, जिसे सीडीएफ ने तैयार किया है। यह छात्रों को आत्म-चिंतन, कहानी कहने और सहयोगात्मक समस्या-समाधान में मार्गदर्शन करेगा।
शैक्षणिक शिक्षा को व्यावहारिक सामाजिक नवाचार ढाँचे के साथ जोड़ते हुए, यह कार्यक्रम छात्रों में सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व, उद्यमी सोच और उन्नत तकनीकी कौशल विकसित करने का लक्ष्य रखता है, जिससे वे समावेशी और टिकाऊ समाधान बना सकें।
इस भविष्योन्मुखी योजना के प्रारंभ के अवसर पर संस्कृति विवि के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता, चांसलर, संस्कृति विश्वविद्यालय ने कहा कि यह पहल हमारे छात्रों में नवाचार, नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डा.गजेंद्र सिंह ने इस साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अशोका और सीडीएफ के साथ सहयोग छात्रों को कक्षा में सीखी बातों को वास्तविक जीवन में लागू करने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।
सीडीएफ के संस्थापक डॉ. अमित टुटेजा ने एआई युग में कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आज के युवाओं के लिए चेंजमेकिंग और उद्यमिता अनिवार्य हैं। तकनीक को सहानुभूति के साथ जोड़कर हम ऐसे लीडर तैयार कर सकते हैं जो समाज को ऊपर उठाएँगे। अशोका यंग चेंजमेकर के सह संस्थापक यशवीर सिंह ने कहा कि हर युवा में चेंजमेकर बनने की क्षमता है। इस तरह की पहल छात्रों को रचनात्मक और उद्यमशील जोखिम लेने और बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
इस अवसर पर सीडीएफ के कार्यकारी निदेशक प्रेम सागर टुटेजा ने छात्रों के साथ संवाद कर पहल का समर्थन किया।