
चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित “कैरियर ऑपर्च्युनिटीज़ इन लॉ” कार्यशाला में बोलते मुख्य वक्ता।
मथुरा। सांस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज़ द्वारा “कैरियर ऑपर्च्युनिटीज़ इन लॉ” विषय को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में वक्ताओं ने विद्यार्थियों को विधि के क्षेत्र में कैरियर के अवसरों के बारे में बहुत मूल्यवान जानकारियां उपलब्ध कराईं। वक्ताओं ने बताया कि किस प्रकार कानून(विधि) डिग्री हासिल कर वो किस मुकाम को हासिल कर सकते हैं।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रहलाद कृष्ण शुक्ला ने अधिवक्ता पेशे के महत्व, प्रारंभिक दौर की चुनौतियों, न्यायिक सेवा, प्रभावी संप्रेषण कौशल, विधि एवं वित्त मंत्रालय के अंतर्गत उपलब्ध अवसरों, लोक अभियोजक एवं न्यायिक अधिकारियों के करियर विकल्पों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने केस लॉ, शोध एवं न्यायालयीन निर्णयों के महत्व पर भी विशेष बल दिया।
इस अवसर पर संस्कृति स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डॉ. डी. एस. तोमर ने छात्रों को करियर एडवांसमेंट प्रोग्राम और व्यावहारिक अनुभव की अनिवार्यता पर पर जोर डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालय लगातार आपको अपग्रेड करते रहने के प्रयास में जुटा है, जिसका आप लोगों को लाभ उठाना चाहिए। विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों आदित्य ओझा और आदित्य दुबे ने भी छात्रों को विधि क्षेत्र में शैक्षणिक प्रगति, बेयर एक्ट के महत्व एवं प्राध्यापक बनने की संभावनाओं पर मार्गदर्शन दिया।
कार्यक्रम का संचालन छात्रा छवि शर्मा द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने वक्ताओं से कई सारे सवाल कर अपने डाउट क्लीयर किए। वक्ताओं ने छात्रों के सवालों पर अपने निजी अनुभवों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में कानून के विद्यार्थियों की आवश्यकता के बारे में जानकारियां दीं। अंत में डॉ. कमल सिंह धाकड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी अतिथियों, मुख्य वक्ता एवं छात्रों का आभार व्यक्त किया।