
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा में आयोजित “लीडरशिप समिट-2025” में देश के शीर्ष कॉर्पोरेट और अकादमिक जगत के विशेषज्ञों ने एमबीए छात्र-छात्राओं को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अब मात्र तकनीक नहीं बल्कि एक ऐसा युग है जिसने निर्णय लेने, प्रबंधन और नेतृत्व के मूल ढाँचे को पूरी तरह से बदल दिया है।
लीडरशिप समिट-2025 के मुख्य वक्ता राजीव रंजन मिश्रा (वीपी-एचआर, टाटा एंटरप्राइजेज, टाटा स्टील), प्रो. संजीव सरीन (अकादमिक लीडर, इंडस्ट्री स्ट्रैटेजिस्ट एवं लेखक), डॉ. विक्रम शर्मा (एसोसिएट डीन, आईबीएस, गुरुग्राम) और रिसोर्स पर्सन रसना बैजल (फाउंडर, नाविरा) ने छात्र-छात्राओं को एआई-प्रधान भविष्य में नेतृत्व की बदलती परिभाषाओं पर विस्तार से जानकारी दी। राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि “नेतृत्व अब केवल आदेश देने या संसाधन प्रबंधन तक सीमित नहीं है बल्कि यह डेटा-ड्रिवेन इनसाइट्स और मानवीय संवेदनशीलता के बीच सही संतुलन बनाने का नाम है। आने वाले समय में वही लोग सफल होंगे, जो एआई का उपयोग कर अधिक मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाएंगे।”
प्रो. संजीव सरीन ने एआई को स्टार्टअप्स और इनोवेशन का गेम-चेंजर बताते हुए कहा कि यह केवल प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का साधन नहीं बल्कि निर्णय लेने की कला को भी निखार रहा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे केवल नौकरी की तैयारी तक सीमित न रहें बल्कि नेतृत्व मानसिकता विकसित करें और खुद को भविष्य का चेंजमेकर बनाएं। डॉ. विक्रम शर्मा ने कहा कि चाहे वित्त, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स या रणनीति हो, एआई का प्रभाव हर क्षेत्र में गहराई से दिखाई दे रहा है। इंडस्ट्री और अकादमिक जगत का सहयोग अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है। सही समय पर तकनीक का समुचित उपयोग किसी भी संगठन को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है।
रिसोर्स पर्सन रसना बैजल ने अपने उद्यमिता सफर को साझा करते हुए बताया कि “स्टार्टअप्स के लिए एआई किसी बूस्टर की तरह है। यह सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावी निर्णय लेने और तेज़ी से आगे बढ़ने की क्षमता देता है।” उन्होंने विशेष रूप से महिला नेतृत्व और स्टार्टअप इकोसिस्टम में एआई की भूमिका को रेखांकित किया। इस समिट ने छात्र-छात्राओं को केवल एआई ट्रेंड्स की समझ ही नहीं दी, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया कि एक सशक्त लीडर बनने के लिए किन गुणों की आवश्यकता है। वक्ताओं ने अनुकूलनशीलता, सहानुभूति, टीमवर्क, रणनीतिक दृष्टिकोण और समस्या समाधान को कॉर्पोरेट सफलता की बुनियाद बताया। छात्र-छात्राओं ने इस समिट से एआई आधारित निर्णय-प्रक्रियाओं, इंडस्ट्री की चुनौतियों और स्टार्टअप अवसरों के बारे में गहन ज्ञान प्राप्त किया। साथ ही उनमें आत्मविश्वास, स्पष्ट करियर विजन और नेतृत्व की वास्तविक समझ भी विकसित हुई।
राजीव एकेडमी के एमबीए विभागाध्यक्ष डॉ. विकास जैन ने कहा कि “यह समिट हमारे विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित हुई है। इसने उन्हें न केवल एआई और नेतृत्व के बीच गहरे संबंधों को समझाया बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण भी प्रदान किया। आने वाले समय में सफलता के लिए तकनीकी दक्षता और मानवीय नेतृत्व का संतुलन बेहद महत्वपूर्ण होगा।”
आर.के. एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने इस आयोजन को ऐतिहासिक करार दिया। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि “राजीव एकेडमी का यह प्रयास शिक्षा और उद्योग के बीच गहरे सेतु का निर्माण करता है। यहां शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उद्योग के वास्तविक अनुभवों से जुड़कर विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करती है।”
राजीव एकेडमी के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लीडरशिप समिट-2025 ने हमारे विद्यार्थियों के लिए एक नया दृष्टिकोण तैयार किया है। यह आयोजन स्पष्ट करता है कि राजीव एकेडमी केवल शिक्षा प्रदान करने वाला संस्थान नहीं बल्कि भविष्य के नेताओं को गढ़ने का केन्द्र है। आने वाले समय में संस्थान और भी ऐसे आयोजन करेगा ताकि विद्यार्थी कॉर्पोरेट और स्टार्टअप दुनिया की चुनौतियों का आत्मविश्वास से सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि राजीव एकेडमी ने एक बार फिर सिद्ध किया कि वह अपने विद्यार्थियों को सिर्फ शिक्षा नहीं बल्कि “भविष्य गढ़ने की कला” भी सिखाता है।
चित्र कैप्शनः लीडरशिप समिट-2025 में राजीव एकेडमी आए देश के शीर्ष कॉर्पोरेट और अकादमिक जगत के विशेषज्ञ।