

सीनियर, जूनियर के साथ करें भाई-बहन जैसा व्यवहारः डॉ. चुघ
मथुरा। प्रत्येक शैक्षिक संस्थान छात्र-छात्राओं के लिए मंदिर के समान है, लिहाजा उन्हें अपने अध्ययनकाल में इसकी मर्यादा का ख्याल हर पल रखना चाहिए। सीनियर्स अपने जूनियर के साथ छोटे भाई-बहनों की तरह व्यवहार कर अपने शैक्षिक संस्थान में पारिवारिक माहौल बना सकते हैं। किसी छात्र-छात्रा से परिचय प्राप्त करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन यदि उनके साथ मारपीट की जाती है, उन्हें किसी तरह से प्रताड़ित किया जाता है या धार्मिक, शारीरिक, सामाजिक और राजनीतिक टिप्पणी की जाती है तो उसे रैगिंग माना जाएगा। यह बातें शनिवार को के.डी. डेंटल कॉलेज में आयोजित एंटी रैगिंग कार्यशाला में मुख्य अतिथि आईडीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार चुघ ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
डॉ. चुघ ने कहा कि रैगिंग हमारे देश की शिक्षा प्रणाली के लिए अभिशाप है। पिछले कुछ वर्षों में रैगिंग से सैकड़ों छात्र-छात्राओं का करिअर बर्बाद हुआ है। एंटी रैगिंग कार्यशाला में डॉ. चुघ ने सभी यूजी व पीजी छात्र-छात्राओं को बताया कि रैगिंग का अर्थ किसी भी ऐसे कार्य को करना है जो किसी विद्यार्थी को शारीरिक, मानसिक तथा शर्मिंदगी से आहत करने का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि रैगिंग अन्य अपराधों से भिन्न है क्योंकि इसका उद्देश्य केवल विकृत सुख प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि यदि सीनियर्स अपने जूनियर्स के साथ छोटे भाई-बहन सा व्यवहार करें तो यह समस्या पैदा ही नहीं होगी।
डॉ. चुघ ने कहा कि यदि किसी भी विद्यार्थी के साथ रैगिंग होती है तो उसे तुरंत कॉलेज की एंटी रैगिंग समिति को बताना चाहिए तथा रैगिंग समिति का भी यह कर्तव्य है कि वह शिकायत करने वाले छात्र या छात्रा की पहचान को सुरक्षित और गुप्त रखे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्याथी सिर्फ पढ़ाई और व्यावहारिक शिक्षा पर फोकस करे। यदि किसी छात्र या छात्रा को सीनियर परेशान करता है तो उसे बिना किसी दबाव के तत्काल शिकायत दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं को रैगिंग की नई गाइड लाइन पर भी विस्तार से जानकारी दी।
प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल पूरी तरह से रैगिंग मुक्त संस्थान है। यहां रैगिंग करते पाए जाने पर छात्र-छात्रा का प्रवेश निरस्त किए जाने, जुर्माना भरने तथा जेल भेजे जाने का भी प्रावधान है। उन्होंने परिसर को रैगिंग मुक्त रखने के लिए संस्थान स्तर पर किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी दी। डॉ. लाहौरी ने कहा कि कॉलेज की एंटी रैगिंग सेल रैगिंग की रोकथाम और निषेध के साथ ही सभी छात्र-छात्राओं के स्वस्थ मानसिक विकास के लिए एक अच्छा माहौल प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। डॉ. लाहौरी ने कहा कि हमारा वही उद्देश्य है जो रैगिंग को खत्म करने के लिए एआईसीटीई का है। एंटी रैगिंग सेल का आदर्श वाक्य है ‘टुगेदर, वी फील एट होम’। डॉ. लाहौरी ने कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज में सभी प्रवेशित छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता के लिए रैगिंग विरोधी हलफनामा भरना अनिवार्य है।
कार्यशाला के अंत में सीडीई कमेटी के सदस्यों डॉ. विवेक, डॉ. अनुज, डॉ. जुही, डॉ. मनीष और डॉ. राजीव द्वारा सीनियर्स छात्र-छात्राओं से रैगिंग न करने का संकल्प-पत्र भरवाया गया, साथ ही बीडीएस प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को बुकलेट दी गईं, जिनमें क्या है रैगिंग, शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर और कॉलेज की आंतरिक कमेटियों के नम्बर तथा वेबसाइट दर्ज हैं। कार्यशाला में डॉ. उमेश चंद्र, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. नवप्रीत, डॉ. शैलेंद्र चौहान, डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल, डॉ. अतुल, डॉ. हस्ती, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में प्राचार्य डॉ. लाहौरी ने अतिथि वक्ता डॉ. राजीव कुमार चुघ को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः के.डी. डेंटल कॉलेज में आयोजित एंटी रैगिंग कार्यशाला में उपस्थित अतिथि वक्ता तथा छात्र-छात्राएं। दूसरे चित्र में मुख्य अतिथि आईडीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार चुघ को पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी।