Sunday, September 28, 2025
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निराश रेनू को के.डी. हॉस्पिटल में मिली जीने की आस रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से का सफल ऑपरेशनन्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. राहुल एम. ढोले ने की सर्जरी


मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. राहुल एम. ढोले ने चलने-फिरने में असमर्थ होडल निवासी रेनू (19) पुत्री शोभाराम की रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से का सफल ऑपरेशन कर उसके चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है। अब रेनू न केवल सामान्य तरीके से चल-फिर पा रही है बल्कि उसके निराश जीवन में फिर बहार आ गई है।
जानकारी के अनुसार चलने-फिरने में असमर्थ होडल (हरियाणा) निवासी रेनू को 20 अगस्त को के.डी. हॉस्पिटल लाया गया। विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी को परिजनों ने बताया कि वह तीन-चार महीने से अस्वस्थ है तथा चल-फिर नहीं पा रही है। स्थानीय चिकित्सकों से भी खूब उपचार कराया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। डॉ. चौधरी ने मरीज के स्पाइन की एमआरआई कराई जिससे पता चला कि उसे रीढ़ की हड्डी की टीबी है तथा उसकी एल-1 की हड्डी गल जाने से पैरों की नस दब गई है।
डॉ. चौधरी ने रेनू की स्थिति को देखते हुए परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद 30 अगस्त को डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. राहुल एम. ढोले द्वारा मरीज की रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से की सर्जरी की गई। सर्जरी में एल-1 हड्डी के गले हिस्से को निकाल दिया गया। सर्जरी के बाद मरीज की टीबी की दवाएं शुरू कर दी गईं। इस सर्जरी में न्यूरो सर्जनों का सहयोग निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी अग्रवाल, डॉ. बेंकटा तेजा गुडाटी, डॉ. सदाशिव बाली, डॉ. रत्ना श्री, डॉ. प्रभात यादव, टेक्नीशियन देवेन्द्र, संदीप और राजवीर ने किया। सर्जरी के दूसरे ही दिन मरीज अपने पैरों पर खड़ी हो गई।
न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी ने बताया कि इस तरह की बीमारी में यदि शुरुआती दौर में ही टीबी की दवाइयां ली जाएं तो मरीज को ऑपरेशन और अन्य अंगों की कमजोरी से बचाया जा सकता है। डॉ. चौधरी ने कहा कि इस ऑपरेशन से न सिर्फ मरीज को नई जिन्दगी मिली बल्कि उसे आम लोगों की तरह हर काम करने में भी सक्षम बना दिया। डॉ. चौधरी का कहना है कि रेनू को जब यहां लाया गया, तब वह खड़ी नहीं हो पा रही थी, ऐसे में उन्होंने संकल्प लिया कि हर हाल में इसे खड़ा करना है। यह खुशी की बात है कि अब वह होडल से बिना किसी की मदद से के.डी. हॉस्पिटल आ जाती है।
बेटी को फिर से अपने पैरों पर खड़ा देख माता–पिता भी खुश हैं। परिजन बताते हैं कि रेनू ऑपरेशन के बाद आराम से उठ-बैठ रही है। बिना किसी सहारे के चल-फिर रही है। सीढ़ियां भी चढ़ लेती है। अब उसकी जिन्दगी नॉर्मल है। यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं। डॉक्टर साहब ने हमें हिम्मत और भरोसा दिया। उन्होंने मेरी बच्ची को दूसरा जीवन दिया है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने आदि ने सफल सर्जरी के लिए डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राहुल एम. ढोले तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः रेनू के साथ विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राहुल एम. ढोले और उनकी सहयोगी टीम।

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