Sunday, October 12, 2025
HomeUncategorizedचित्र परिचयः संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी द्वारा आईईईई (इंस्टीट्यूट आफ...

चित्र परिचयः संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी द्वारा आईईईई (इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रिक्स इंजीनियर्स) दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी।

संस्कृति विवि में प्रतियोगिताओं के साथ मनाया गया आईईईई दिवस
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी द्वारा आईईईई (इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रिक्स इंजीनियर्स) दिवस मनाया गया। रचनात्मकता, तकनीकि सोच और संचार कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम के दौरान वाद-विवाद और तकनीकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। दोनों ही प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बड़ी रुचि के साथ भाग लिया। प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थी पुरुस्कारों से सम्मानित किए गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी ने आईईईई दिवस के अवसर पर छात्रों और संकाय सदस्यों के बीच नवाचार, अनुसंधान और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने में आईईईई के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. चेट्टी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे इस तरह के आयोजन युवा इंजीनियरों को रचनात्मक सोच विकसित करने और समाज की बेहतरी के लिए तकनीकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी के शिक्षक डॉ. पंकज गोस्वामी ने बताया कि हर साल मनाए जाने वाले इस दिवस पर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स संस्थान के सदस्य दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम और संगोष्ठियाँ आयोजित करते हैं, जिनमें सदस्य तकनीकी विचारों पर सहयोग करते हैं। उन्होंने आईईईई दिवस पर अपने विचार साझा किए और विभिन्न तकनीकी गतिविधियों के आयोजन में संस्कृति आईईईई छात्र शाखा के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने छात्रों को अपने तकनीकी ज्ञान और नेतृत्व कौशल को बढ़ाने के लिए आईईईई के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. गरिमा गोस्वामी ने आईईईई छात्र कोर टीम के बारे में बात की और इस आयोजन को सफल बनाने में उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने आईईईई सदस्यता के लाभों का संक्षिप्त परिचय भी दिया और बताया कि कैसे यह छात्रों को कार्यशालाओं, शोध प्रकाशनों और नेटवर्किंग के अवसरों के माध्यम से जुड़ने, सीखने और आगे बढ़ने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं ने प्रतिभागियों को टीम वर्क और विश्लेषणात्मक तर्क को बढ़ावा देते हुए प्रौद्योगिकी, नैतिकता और नवाचार के अंतर्संबंधों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
वाद-विवाद और तकनीकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में, क्या मनुष्यों को अन्य ग्रहों पर उपनिवेश स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करना चाहिए?, क्या साइबर सुरक्षा उपायों को व्यक्तिगत गोपनीयता अधिकारों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए?, क्या तकनीकी प्रगति से समझौता किए बिना सतत विकास संभव है? विषयों ने विद्यार्थियों ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। प्रतियोगिताओं के उपरांत निर्णायक मंडल ने बीसीए साइबर सुरक्षा प्रथम वर्ष अनूप दास को प्रथम, बी.टेक. के छात्र यश श्रीवास्तव को द्वितीय व बी.टेक द्वितीय वर्ष की छात्रा प्रिया देवी को तृतीय स्थान पर चुना। इन तीनों ही विद्यार्थियों को पुरुस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी के दिशा-निर्देश पर डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी और डॉ. गरिमा गोस्वामी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments