Monday, November 3, 2025
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आरआईएस में जेंडर सेंसटिविटी और हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड पर हुई कार्यशाला

बच्चों को बचपन से मिले लैंगिक संवेदनशीलता की जानकारी
मथुरा। लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, शिक्षकों को सशक्त बनाने और शिक्षा में समग्र प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एज्यूकेशन नोएडा द्वारा जेंडर सेंसटिविटी एवं हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड विषय पर कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने बच्चों को जहां बचपन से ही लैंगिक संवेदनशीलता की जानकारी देने पर जोर दिया वहीं कहा कि हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड विद्यार्थी के सर्वांगीण प्रगति का मूल्यांकन कार्ड होता है।
एमिनेंट स्पीकर डॉ. निशी फोगाट और डॉ. वीणा मिश्रा ने जेंडर सेंसिटिविटी विषय तो डॉ. अखिलेश सिंह एवं पुनीत भूषण ने हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड विषय पर शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला में वक्ताओं ने लैंगिक संवेदनशीलता, रूढ़िवादिता को चुनौती देने और लैंगिक समानता से संबंधित सामाजिक-सांस्कृतिक मानदंडों की गहरी समझ विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि “हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड” के माध्यम से हम छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण प्रगति का मूल्यांकन कर सकते हैं क्योंकि हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड में विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में बच्चे की भागीदारी, शारीरिक कौशल तथा स्वास्थ्य को मापा जाता है।
वक्ताओं ने बताया कि इसे मुख्य रूप से कक्षा की गतिविधियों के दौरान देखे गए साक्ष्यों और नियमित मूल्यांकन के माध्यम से दर्ज किया जाता है, जिसमें रटने-रटाने के बजाय रचनात्मकता और समग्र विकास पर जोर दिया जाता है। होलिस्टिक प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड छात्र-छात्राओं की प्रगति को अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रैक करेगा। इसमें विद्यार्थी के शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, संज्ञानात्मक, एकेडमिक और रचनात्मक विकास की जानकारी होगी। इसमें छात्र-छात्राओं के आत्म-मूल्यांकन के साथ-साथ, उसके साथियों और अभिभावकों से मिले फीडबैक को भी शामिल किया जाएगा।
वक्ताओं ने कहा कि हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनमें आत्म-सम्मान और आत्म-जागरूकता को बढ़ाने में मदद करेगा तथा अभिभावकों को उनके बच्चों की प्रगति के बारे में पूरी जानकारी देगा। वक्ताओं ने कहा कि जेंडर सेंसिटिविटी प्रोग्राम का उद्देश्य स्कूलों में लैंगिक समानता से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूकता पैदा करना तथा लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करना है। वक्ताओं ने शिक्षकों को छात्र-छात्राओं के साथ तारतम्यता बिठाने के तौर-तरीके बताए। अतिथि वक्ताओं ने विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से भी दोनों विषयों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में रियल लाइफ के नए-नए उदाहरण देकर दोनों विषयों के बारे में जानकारी दी गई। सभी टीचर्स ने वर्कशॉप में उत्साहपूर्वक प्रतिभागिता करते हुए अपनी-अपनी जिज्ञासा को शांत किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा आरआईएस के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि समय-समय पर ऐसी वर्कशॉप से शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों से सभी टीचर्स अवगत होते हैं, जिसका विद्यार्थियों को लाभ मिलता है। स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया मदान ने अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः शिक्षक-शिक्षिकाओं को जेंडर सेंसिटिविटी की जानकारी देते हुए अतिथि वक्ता।

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