



लक्ष्य प्राप्ति के लिए केवल परिश्रम ही नहीं, बल्कि कुशल रणनीति भी आवश्यक : वी. के. शर्मा
-छात्रों में जागा उत्कृष्टता का संकल्प
वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा दशम एवं द्वादश के विद्यार्थियों के लिए लक्ष्य बोध कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के वाइस प्रेसिडेंट एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर वी. के. शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि के. आर. डिग्री कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के सेवा निवृत्त व्याख्याता राकेश सारस्वत द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ किया गया।
सर्वप्रथम प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने लक्ष्य बोध प्रपत्र एवं कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि सामान्य प्रयासों से सामान्य सफलता ही प्राप्त की जा सकती है, परंतु अन्यतम लक्ष्य पाने के लिए लक्ष्य भी अन्यतम ही होना चाहिए। उच्च लक्ष्य सदैव उच्च उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने बताया कि सत्र 2025-26 के लिए आचार्य बन्धुओं द्वारा विद्यार्थियों को उनके समग्र आकलन के आधार पर सार्थक एवं यथार्थ लक्ष्य निर्धारित करने हेतु निर्देशित और प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम में अभिषेक तिवारी ने विद्यार्थियों की ओर से प्रेरणादायक लक्ष्य गीत प्रस्तुत कर सभी को उत्साहित किया।
मुख्य अतिथि प्रो. वी. के. शर्मा ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए केवल परिश्रम ही नहीं, बल्कि कुशल रणनीति भी उतनी ही आवश्यक है। यदि बुनियाद मजबूत न हो तो इमारत की ऊँचाई का कोई अर्थ नहीं रह जाता। उन्होंने रोचक खेलों और पहेलियों के माध्यम से विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि मूलभूत शिक्षा और जीवन मूल्यों की सुदृढ़ नींव ही सफलता का सच्चा आधार है। विशिष्ट अतिथि राकेश सारस्वत ने स्वामी विवेकानंद के जीवन की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारण के साथ-साथ एकाग्रचित्त अभ्यास भी उतना ही आवश्यक है। जिस प्रकार एकाग्र मन से किया गया कोई भी कार्य सहजता से सिद्ध होता है, उसी प्रकार एकाग्रता से किया गया अध्ययन उत्तम परिणाम देता है। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में कक्षा 10 एवं 12 के छात्रों ने अपने-अपने परीक्षा लक्ष्यों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया। छात्रों ने अपनी अध्ययन रणनीति, समय प्रबंधन विधियाँ एवं सफलता की योजनाएँ साझा कर अन्य साथियों को भी प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में विद्यालय के प्रबन्धक, पूर्व वायुयोद्धा शिवेन्द्र गौतम ने कहा कि अपेक्षाओं को बोझ न मानते हुए सहज भाव से परिश्रम करते रहें। उत्साही रक्त, विचारवान मस्तिष्क, संवेदनशील हृदय और प्रखर पुरुषार्थ ही सफलता का सरलतम सूत्र है।
इससे पूर्व प्रबंधन परिवार की ओर से शिवेन्द्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन शर्मा, उप प्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा, कार्यक्रम संयोजक मनोज वार्ष्णेय, ललित गौतम, देवेंद्र गौतम एवं आभास अग्रवाल द्वारा अतिथियों का स्मृति चिह्न एवं उत्तरीय भेंटकर स्वागत किया गया। अभिभावकों की उल्लेखनीय उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को केवल औपचारिक आयोजन न रहने देकर छात्रों एवं अभिभावकों दोनों के लिए प्रेरणास्रोत बना दिया।संचालन राहुल शर्मा ने किया।


