
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्राध्यापकों ने जीते प्रथम पुरस्कार
मथुरा। ब्रज क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी, मथुरा के प्राध्यापकों और छात्रों ने एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी महत्वपूर्ण शोध प्रस्तुतियों से न केवल विशेषज्ञों की वाहवाही लूटी बल्कि प्रथम पुरस्कार जीतकर जनपद का गौरव बढ़ाया। संस्थान की ये उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी किताबी में ज्ञान के साथ साथ शोध के क्षेत्र में भी भावी पीढ़ी को नई दिशा दिखाई जा रही है।
हाल ही में एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के असिस्टेंट प्रोफेसर पवन पांडेय ने रिबामिपाइड दवा, जोकि पेप्टिक अल्सर के उपचार में उपयोगी है, पर शोध कर माइक्रोस्पॉन्ज विकसित किए। इस तकनीक से दवा का प्रभाव शरीर में अधिक समय तक बना रहा और दुष्प्रभावों में भी उल्लेखनीय कमी आई, जिससे गैस्ट्राइटिस के प्रभावी उपचार की दिशा में नई आशा की किरण जगी। प्रो. पांडेय के इस प्रभावी ओरल प्रजेंटेशन को सम्मेलन में प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। इसी तरह फार्माकोलॉजी विभाग के शिक्षक सौम्यदीप मुखर्जी ने हृदयघात से जुड़ी गम्भीर समस्याओं के निदान पर अपना पोस्टर प्रजेंटेशन कर प्रथम पुरस्कार हासिल किया।
संस्थान के फार्मास्यूटिक्स विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर आकाश गर्ग ने सोरोसिस जैसे जटिल चर्म रोगों पर प्रभावी शोध प्रस्तुत कर निर्णायकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। देखा जाए तो अभी तक इस बीमारी का सटीक निदान उपलब्ध नहीं था। प्रो. गर्ग ने टेट्रा-हाइड्रोकरक्यूमिन को इनसिटू जेल में सम्मिलित कर उसके प्रभावों का अध्ययन किया, जिसके बेहद उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए। विशेषज्ञों ने जहां शोध की प्रशंसा की वहीं भूपल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र लव ठाकुर ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए ओरल प्रजेंटेशन श्रेणी में तृतीय पुरस्कार हासिल किया।
संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में उपलब्ध अत्याधुनिक शोध सुविधाओं का ही परिणाम है कि हमारे शिक्षक और विद्यार्थी निरंतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। प्रो. चोपड़ा ने शिक्षकों तथा छात्र लव को बधाई देते हुए, इसी तरह अन्य विषयों पर अनुसंधान करने का आह्वान किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी शोधकर्ता शिक्षकों तथा छात्र लव को बधाई दी। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि बदलते शिक्षा परिदृश्य में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाना बहुत जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज तरह-तरह की नई बीमारियां पैदा हो रही हैं, ऐसे में फार्मेसी शिक्षा में शोध को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।
चित्र कैप्शनः संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा के साथ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पुरस्कृत शोधार्थी शिक्षक और छात्र लव।

