
चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित संभाषण प्रतियोगिता में विकसित भारत पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते छात्र।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ एजूकेशन द्वारा “विकसित भारत @2047” विषय पर विवि के विभिन्न स्कूलों के मध्य भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें छात्रों ने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में भाषण दिए। विद्यार्थियों में विकसित भारत के लिए अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने, सार्वजनिक मंच पर अपने विचारों को प्रस्तुत करने के कौशल, युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय प्रगति के बारे में आलोचनात्मक और रचनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रेरित करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री रिया वर्धन सक्सेना के स्वागत भाषण के साथ हुई। उन्होंने प्रतियोगिता और उसके उद्देश्यों का संक्षिप्त परिचय दिया गया। प्रतिभागियों ने भारत के विकास पर अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए, जिसमें शिक्षा, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सामाजिक सद्भाव जैसे क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया। अंग्रेजी में हुई भाषण प्रतियोगिता में तृप्ति (बी.ए. मनोविज्ञान), शिवा (बी.ए. बी.एड.), कृष (बी.ए. बी.एड.) विजेता घोषित किए गए। वहीं हिंदी संभाषण प्रतियोगिता में आशिका (बी.ए. मनोविज्ञान), सौरभ ( बीएमएस), अग्रज (बी.ए. बी.एड.) और संस्कृत संभाषण प्रतियोगिता में खुशी (बीएमएस),विजय (बीएमएस), अभिनव (बीएमएस) विजेता घोषित किए गए। विजयी सभी 9 विद्यार्थी गोरखपुर में होने वाली अंतर-राज्य प्रतियोगिता में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व करेंगे। निर्णायक सुश्री पूजा सहगल ने प्रतिभागियों का मूल्यांकन कंटेंट, स्पष्टता, आत्मविश्वास और ओवरऑल प्रेजेंटेशन के आधार पर किया। छात्रों ने बेहतरीन बोलने की कला, क्रिएटिविटी और ज्ञान का प्रदर्शन किया, जो 2047 तक एक प्रगतिशील भारत के लिए उनके विजन को दिखाता है। इस इवेंट ने बौद्धिक जुड़ाव और प्रेरणा का माहौल बनाया, जिससे सभी प्रतिभागियों को भारत के भविष्य के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया गया। विजेताओं को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट और पुरस्कार दिए गए, और सभी प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की गई। कार्यक्रम के समन्वयक सुश्री रिया वर्धन सक्सैना और देवांशु सिंह थे।

