

मथुरा। भारतीय सेना की इंजीनियर्स रेजिमेंट (आर एंड पी) 8 से 13 दिसंबर 2025 के बीच इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की मथुरा रिफाइनरी में एक व्यापक और उन्नत तकनीकी अभ्यास कर रही है। इस संयुक्त अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सेना के जवानों को देश की महत्वपूर्ण ऊर्जा अवसंरचना के संचालन, सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन तंत्र से प्रत्यक्ष रूप से अवगत कराना है।
अभ्यास के दौरान सेना के अधिकारी और जवान रिफाइनरी की प्रमुख प्रक्रिया इकाइयों—क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट, हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट, ऊर्जा संरक्षण प्रणाली, टैंक फार्म क्षेत्र तथा पाइपलाइन इनपुट/आउटपुट सुविधाओं का गहन अध्ययन कर रहे हैं। विशेषज्ञों की अगुवाई में विस्तृत तकनीकी प्रस्तुतीकरण, फील्ड विज़िट और प्रायोगिक सत्र आयोजित हो रहे हैं, जिनसे सैनिकों को कच्चे तेल के प्रसंस्करण, ऊर्जा प्रबंधन तथा जोखिम नियंत्रण प्रक्रियाओं की गहरी समझ विकसित हो रही है।
आईओसीएल मथुरा रिफाइनरी के तकनीकी सेवाओं, उत्पादन, पाइपलाइन तथा अग्नि एवं सुरक्षा विभाग अभ्यास में भाग लेने वाली टुकड़ी को सतत सहयोग प्रदान कर रहे हैं। अधिकारी रिफाइनरी की उन्नत सुरक्षा प्रणाली, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल और संचालन प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी साझा कर रहे हैं।
इंजीनियर्स रेजिमेंट (आर एंड पी) भारतीय सेना की उन चुनिंदा इकाइयों में शामिल है, जिसे ऊर्जा एवं पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़े संचालन, रखरखाव और संकट प्रबंधन में विशेष दक्षता प्राप्त है। युद्धकालीन परिस्थितियों या राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान पेट्रोलियम आपूर्ति श्रृंखला की निरंतरता बनाए रखने में यह रेजिमेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आईओसीएल और भारतीय सेना के बीच इस तरह के नियमित संयुक्त अभ्यास ऊर्जा अवसंरचना की सुरक्षा, तकनीकी समन्वय, परस्पर सहयोग और आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूत करने में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बदलते वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में इस तरह की साझा तैयारी देश के सामरिक हितों के लिए आज अत्यावश्यक हो गई है।


