Thursday, May 2, 2024
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घर बैठे पाएं पार्ट टाइम नौकरी, हजारों में होगी सेलरी, ऐसे होती थी ठगी मथुरा का है सरगना

मथुरा। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के लोगों को घर बैठे पार्ट टाइम जाॅब कर 25 से 30 हजार रुपये कमाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गैंग छह महीने में सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है।
रजिस्ट्रेशन और जीएसटी के नाम पर खातों में रकम जमा कराई जाती थी। गैंग के दो खातों में तकरीबन दस लाख रुपये के ट्रान्जेक्शन की जानकारी पुलिस को मिली है। गैंग का सरगना अभी फरार है।
दयालबाग निवासी तूलिका गुप्ता से पिछले दिनों ठगी की गई थी। उनसे घर बैठे एक कंपनी में नौकरी लगवाने का झांसा दिया गया। इसके बाद रजिस्ट्रेशन और टैक्स के नाम पर तीन बार में 10800 रुपये जमा करा लिए गए।
उन्हें मैनेजर और डायरेक्टर बनकर काॅल किया गया। उनसे कहा गया कि इंडियन सक्सेस मंतरा कंपनी में नौकरी लगवाकर घर बैठे एक घंटे कंप्यूटर में डाटा फीडिंग करनी होगी। इसके लिए हर माह कंपनी 25 से 30 हजार रुपये देगी। ठगी का पता चलने पर तूलिका गुप्ता ने पुलिस से शिकायत की थी। इस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस के पास और भी शिकायत थी।
पुलिस ने जनपद से तीन आरोपियों को पकड़ लिया गया है। इनमें सादाबाद के गांव नौपुरा निवासी योगेश कुमार, अलीगढ़ के इगलास का हरीश कुमार और सादाबाद के गढ़ उमराऊ का रोहिताश शामिल है। साइबर सेल के मुताबिक गैंग का सरगना मथुरा निवासी सचिन है।
भोला, हरीश और योगेश उसके साथी हैं। योगेश ने अपना बैंक खाता सचिन को किराये पर दिया था। इसके लिए हर महीने तय रकम लेता था। गैंग के सदस्य लोगों के मोबाइल नंबर का डाटा लेते हैं। इसके बाद काॅल करके नौकरी का झांसा देते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने पर लोगों से शैक्षिक दस्तावेज मांगते थे। इसके लिए 2160 रुपये लेते थे। लोगों से खातों में रकम जमा कराई जाती है।
पुलिस की पूछताछ में गैंग के छह खातों की जानकारी मिली है। इनमें मथुरा की भारतीय स्टेट बैंक और केनरा बैंक की शाखा के खातों में छह महीने में पांच-पांच लाख रुपये का लेन-देन हुआ है। बाकी चार खातों की डिटेल भी बैंक से मांगी गई है। गैंग का सरगना सचिन 12वीं पास है। वह छह महीने से गैंग चला रहा है। योगेश के बैंक खातों को किराये पर ले रखा था। जिन नंबरों से काॅल की जाती थी, उनको ठगी के कुछ समय बाद बंद कर दिया जाता है। इसके लिए फर्जी आईडी पर सिम लेते थे। योगेश की मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। हरीश काम नहीं करता है। सचिन ही खातों से रकम निकालता था। पकडने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक विनोद कुमार, एसआई अमित कुमार, सिपाही विजय तोमर, बबलू कुमार, इंतजार सिंह, जितेंद्र हैं।

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