मथुरा। शनिवार को उत्तर प्रदेश शासन के आदेशानुसार के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च के सभागार में चिकित्सकीय नैतिकता (मेडिकल एथिक्स) पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ताओं ने चिकित्सक और मरीज के बीच मधुरिम सम्बन्धों पर बल दिया। डा. पी.के. पाढ़ी ने कहा कि रोगी के प्रति दया, संवेदनशीलता, जवाबदेही तथा उसकी देखभाल ही सही मायने में चिकित्सकीय नैतिकता है। सेमिनार का शुभारम्भ मां सरस्वती के छायाचित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।
प्रमुख वक्ताओं में डा. वरुण गुप्ता सहायक आचार्य मेडिसिन विभाग ने चिकित्सक एवं रोगी के बीच संवादहीनता की बात को प्रमुख रूप से उठाया तथा चिकित्सकों के बीच आपसी सामंजस्य पर बल दिया। शरीर रचना विभाग की डा. श्वेता चौधरी ने शव विच्छेदन कर मेडिकल विद्यार्थियों को समझाने की बात कही। डा. चौधरी ने कहा कि शव विच्छेदन पर कई देशों में प्रतिबंध है, जोकि मेरी दृष्टि में उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि शव विच्छेदन की जानकारी भावी चिकित्सकों को होने से भविष्य में उन्हें सर्जरी करने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने सेमिनार में उपस्थित जूनियर चिकित्सकों, नर्सेज तथा पैरामेडिकल कर्मचारियों से कहा कि वे अपने शालीन व्यवहार और वाणी से न केवल मरीज का दिल जीत सकते हैं बल्कि समाज के सामने सेवाभाव का उदाहरण भी पेश कर सकते हैं। डा. शर्मा ने वक्ताओं के विचारों की सराहना करते हुए उन्हें अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय पेशे में चुनौतियां बहुत हैं लेकिन हम अपने शालीन व्यवहार और कर्तव्यनिष्ठा से हर तरह की चुनौती का सामना सहजता से कर सकते हैं।
संगोष्ठी में नेत्र विभाग के डा. चिंग तथा विकृति विज्ञान की डा. हिमानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में सभी वक्ताओं ने चिकित्सकों और नर्सेज को संवेदनशील तथा करुणामय होने का संदेश दिया। सभी चिकित्सकों ने एकमत से चिकित्सक एवं रोगी के मधुर सम्बन्धों को स्वीकार करते हुए यह माना कि रोगी की संतुष्टि ही सही मायने में चिकित्सकीय नैतिकता है। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सभी मेडिकल कालेज और हास्पिटलों को प्रतिमाह के प्रथम और तृतीय शनिवार को मेडिकल एथिक्स पर सेमिनार आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम का संचालन डा. श्याम बिहारी शर्मा ने किया। डा. पी.के. पाढ़ी ने सभी वक्ताओं तथा श्रोताओं का आभार मानते हुए कहा कि संगोष्ठी में व्यक्त विचारों को अपने जीवन में जरूर अमल में लाएं।
चिकित्सक और मरीज के बीच मधुरिम सम्बन्धों पर बल, के.डी. मेडिकल कालेज में हुई मेडिकल एथिक्स पर संगोष्ठी
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