मुंबई। महाराष्ट्र की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर को एक सिपाही से मारपीट के मामले में अमरावती के जिला सत्र न्यायालय ने दोषी करार दिया और 3 महीने की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने मंत्री पर 15000 का जुर्माना भी लगाया है। अमरावती कोर्ट द्वारा 8 साल पुराने मामले में यह सजा सुनाई गई है।
24 मार्च 2012 को विधायक यशोमती ठाकुर पर अमरावती के एक सिपाही उल्लास रौराले के साथ मारपीट और अपशब्द कहने का आरोप में केस दर्ज कराया था। इसमें यशोमती ठाकुर के अलावा कार चालक और 2 कार्यकर्ताओं को भी आरोपी बनाया गया था। यशोमती ठाकुर को इस प्रकरण में जमानत मिली है। उन्होंने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है।
अमरावती कोर्ट से फैसला सुनाए जाने के बाद यशोमती ठाकुर ने कहा कि वह खुद पेशे से वकील हैं और वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं। 8 साल बाद यह फैसला आया है। कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील करूंगी।
अमरावती जिले की प्रभारी मंत्री यशोमति ठाकुर ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा से मेरी वैचारिक लड़ाई है और भाजपा के लोग एक महिला के राजनैतिक करियर खत्म करना चाहते है इसलिए मेरे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस नेता यशोमति ठाकुर महाराष्ट्र की तेवसा विधानसभा सीट तीसरी बार चुनी गई हैं।