Wednesday, July 9, 2025
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सड़क सुरक्षा माह के पहले हफ्ते में जागरूकता उसके बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई: योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को सड़क सुरक्षा जागरूकता माह के साथ परिवहन विभाग की 55 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। यहां हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा माह का शुभारंभ किया और सड़क सुरक्षा के लिए शपथ दिलाई। सीएम ने कहा कि एक सप्ताह तक जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद यदि कोई यातायात नियम तोड़ता है तो उसके लिखाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गुरुवार को सड़क सुरक्षा जागरुकता माह का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा से जुड़े वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें यातायात टोली, विंटेज कार, पिंक स्कूटी, एनएचआई बाइक को रवाना किया गया।

हफ्ते भर बाद शुरू होंगे ‘चालान’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक हफ्ते के जागरूकता के बाद नियमों के उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आज इस कार्यक्रम के माध्यम से ही परिवहन विभाग के भी 55 करोड़ से अधिक परियोजनाओं के लोकार्पण/शिलान्यास का कार्यक्रम हो रहा है। सीएम ने उम्मीद जताई कि परिवहन विभाग की जो योजनाएं है, उनका जनता इस्तेमाल करेगी।

उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग लगातार अच्छा कार्य कर रहा है। परिवहन विभाग कोरोना, लॉक डाउन के समय चाहे अप्रवासियों को गन्तव्य तक पहुंचाना हो या कोटा या अन्य जगहों से विद्यार्थियों को लाना हो, अभूतपूर्व कार्य किया है। आशा करता हूं हम इस एक माह के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे. इसकी सफलता के लिए आशा करते हुए धन्यवाद देता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है? इसी से पता चलता है कि सड़क दुर्घटना की इतनी घटनाएं होती हैं, ये मौतें रोकी जा सकती हैं। बस थोड़ी सी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। 20 फरवरी तक हर जिले में अनवरत प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसमें परिवहन, स्वास्थ्य, स्कूल, कॉलेज सभी शामिल होंगे। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम करने होंगे।

3 साल में सड़क दुर्घटनाएं कम हुईं लेकिन अभी बहुत काम बाकी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन कारणों से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। उसके लिए हमने पिछले साढ़े 3 वर्षों में कई कदम उठाए हैं। 2018, 2019, 2020 के आंकड़ों में काफी अंतर दिखाई पड़ा है, लेकिन वह अंतर काफी काम करने हैं। इसके लिए सड़क निर्माण से जुड़ी संस्थाएं हैं, चाहे लोक निर्माण विभाग या राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण हों सभी को इसके कारण चिन्हित करने की आवश्यकता है।

एक महीने बाद होगी अभियान की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काफी सक्रिय है। उच्चतम न्यायालय भी सड़क दुर्घटनाओं के लिए काफी जागरूक है। अक्सर सवाल पूछते हैं कि क्या उपाय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले एक माह तक इस कार्यक्रम को करने की जिम्मेदारी जिन-जिन विभागों का दायित्व है, वो पूरी ईमानदारी निष्ठा से करें। एक माह बाद 20 फरवरी को कार्यक्रम पूरा होगा तो इसके बाद हम विभागों की समीक्षा करेंगे।

यूपी में सड़क दुर्घटना में रोज 65 मौतें होती हैं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तरप्रदेश में हर दिन करीब 65 मौतें सड़क दुर्घटना में होती हैं। थोड़ा प्रयास कर सैकड़ों परिवारों को उजड़ने और बच्चों को अनाथ होने से बचाया जा सकता है। सड़क सुरक्षा का काम सिर्फ यातायात पुलिस या परिवहन विभाग जिम्मेदारी नहीं है। सड़क निर्माण, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की भी बड़ी भूमिका है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए। यूपी में सड़क दुर्घनाओं के आकड़ों में कमी आई है। लेकिन अभी भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि शराब पीकर लोग गाड़ी चलाते हैं। इसके लिए परिवहन विभाग अभियान चलाता है। गाड़ी चलाने योग्य लाइसेंस को देखने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है।

दुर्घटनाओं के ये हैं बड़े कारण

सड़क निर्माण में कमियां, यातायात नियमों को तोड़ना, तेज स्पीड, शराब पीकर,मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना, मार्गों पर कंडम वाहनों का चलना, अनफिट थ्री व्हीलर वाहनों का चलना, चालकों को यातायात नियमों की समझ न होना, तिराहे-चौराहे और मार्ग व्यवस्थित न होना।

ड्राइवरों का नियमित हेल्थ चेकअप जरूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ड्राइवरों के नियमित हेल्थ चेकअप कराने की जरूरत है। ड्राइविंग टेस्ट के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होना चाहिए। यूपी के हर जिले में सड़क सुरक्षा का अभियान चलाया जाएगा। हर जिले का डीएम सड़क सुरक्षा माह का नोडल अधिकारी होगा। पहले सड़क सुरक्षा के लिए चले अभियानों में शिथिलता आई है। सड़क सुरक्षा के लिए सभी विभाग ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाएं। पहला एक सप्ताह सड़क सुरक्षा के लिए व्यापक जागरूकता का होना चाहिए। एक सप्ताह के बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

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