लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से 5 मई तक चले पंचायत चुनावों के बाद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश कर्मचारी संघ संयुक्त परिषद ने दावा किया है कि इन चुनावों में ड्यूटी करने गए दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत संक्रमण के चलते हो गई है। परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने बताया कि मृतकों में विभिन्न विभाग के कर्मचारी और करीब हजार टीचर भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि 8 दिन पहले ही 706 ऐसे शिक्षकों की लिस्ट तैयार की गई है, जिनकी संक्रमण से जान गई है। इनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगाई गई थी। अब संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर ये जानकारी दी है। संघ ने 10 पन्नों की चिट्ठी के साथ ये लिस्ट भी भेजी है। साथ ही इन शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
शिक्षकों की मौतों को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद से भी सवाल किया गया। परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने हमें बताया कि शिक्षक संघ की तरफ से मिली सूची की जांच की जा रही है।
संक्रमण के डर से कर्मचारी ऑफिस नहीं आ रहे
कोरोना संक्रमण में सरकारी कर्मचारियों की मौतें होने से अब दूसरे कर्मचारी भी दहशत में हैं। सचिवालय के कई कर्मचारियों ने दफ्तर आना बंद कर दिया है। नगर निगम के कई कर्मचारी भी ऑफिस नहीं आ रहे।
पंचायत चुनाव के नामांकन से लेकर मतगणना के समय तक कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नियमों का पालन नहीं हो सका। जिला प्रशासन और पुलिस के लाख जतन के बाद भी ड्यूटी के दौरान न ही कर्मचारी और न ही पंचायत चुनाव से जुड़़े लोगों ने मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन की अनदेखी की। नियो न्यूज ने समय-समय पर इससे आगाह किया और तस्वीर भी दिखाई। लेकिन इसके बावजूद पंचायत चुनाव में किसी तरह का सुधार देखने को नही मिला।