Monday, August 11, 2025
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कारनामा: जो मर गए वो ‘स्वस्थ’ हुए, जिनकी जांच ही नहीं वो कोरोना संक्रमित

फिरोजाबाद। उत्तरप्रदेश में कोरोना जांच का मामले हो या फिर स्वस्थ्य होने और संक्रमण से मौतों का मामला हो। कहीं न कहीं से फर्जीवाड़ा और अनियमितता के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। काबिलेगौर बात यह है कि ऐसे एक भी मामले में अभी तक कोई जांच या बड़ी कार्रवाई न सरकार की ओर से और न ही प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से की गई। यही कारण है कि एक बार फिर फिरोजाबाद से चौंकाने वाला मामला सामने आया है।


फिरोजाबाद में कोरोना जांच को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां जिन लोगों के सैंपल लिए ही नहीं गए, उनकी जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने पोर्टल पर चढ़ा दी। इससे भी हैरत की बात यह है कि जो कोरोना मरीज मर गए, उनको स्वास्थ्य विभाग ने स्वस्थ घोषित कर दिया है।

शासन से कोरोना जांच बढ़ाने का दबाव शुरू हुआ तो स्वास्थ्य विभाग फर्जीवाड़ा करके टारगेट को पूरा करता रहा। जब लोगों ने अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन देखी तो चौंक गए। परिवार के सिर्फ दो सदस्यों ने सैंपल दिए। जांच रिपोर्ट परिवार के पांच सदस्यों की आ गई। इसकी शिकायत शासन स्तर पर की गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

कोरोना संक्रमित मृतक को दिखाया स्वस्थ

महावीर नगर निवासी 38 वर्षीय युवक की रिपोर्ट 24 अप्रैल की कोरोना पॉजिटिव आई थी। उसके परिजनों के मुताबिक युवक की 26 अप्रैल की मृत्यु हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग में पांच मई को युवक को स्वस्थ दिखाकर केस को पोर्टल पर बंद कर दिया। इसका कारण होम आइसोलेट का समय पूरा दिखाया गया।

केस एक- पत्नी, पत्नी ने कराई जांच, मां, बहन, पिता की आई रिपोर्ट

ग्राम मौढ़ा निवासी प्रदीप कुमार अपनी पत्नी के साथ कोटला चुंगी से गुजर रहे थे। तभी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रोककर उनकी और उनकी पत्नी की जांच के लिए सैंपल ले लिया। बहन, मां और पिता का नाम पूछ लिया। जब प्रदीप कुमार ने मोबाइल पर अपनी रिपोर्ट चेक की तो उसमें प्रदीप और उसकी पत्नी की रिपोर्ट थी।
साथ ही पिता, बहन और मां की रिपोर्ट भी निगेटिव चढ़ी थी। जबकि पिता मुरादाबाद में पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में उपस्थित थे। मां और बहन घर पर ही थीं। प्रदीप ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर फर्जीवाड़ा उजागर किया है।

केस दो

खैरगढ़ में 47 वर्षीय उदयवीर ने आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया। जब रिपोर्ट जांच के लिए ऑनलाइन चेक किया तो अगले दिन एंटीजन रिपोर्ट भी बिना सैंपल लिए चढ़ा दी। पीड़ित ने उसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री पोर्टल पर की है। इसी तरह 31 वर्षीय राहुल तिवारी ने कोरोना जांच के लिए सात मई को आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल दिया था। पोर्टल पर आठ मई की तिथि से एंटीजन की निगेटिव रिपोर्ट अपलोड कर दी।

आखिर कहां जा रहीं एंटीजन किट

फर्जी जांच के मामले कई सवाल खड़े कर रहे हैं। आखिर एंटीजन किट कहां गईं। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर एंटीजन किट बाहर बेचने का आरोप भी लगाया है। हालांकि पुष्टि नहीं हुई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीता कलश्रेष्ठ ने बताया कि कोरोना जांच में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई हैं। हमने जांच अधिकारियों को सौंप दी है। रिपोर्ट आने का इंतजार है। यदि कोई भी दोषी पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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