
मथुरा। चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में ब्रज की विशिष्ट पहचान के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में 19 अप्रैल को जीने की आस छोड़ चुकी वृद्धा चंद्रवती को नया जीवन मिला। जाने-माने विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम ने गणेशरा, मथुरा निवासी चंद्रवती पत्नी हरी के अण्डाशय, बच्चेदानी तथा पेट के निचले हिस्से की गांठें हटाकर उसे नई जिन्दगी दी है। इस मुश्किल सर्जरी में चिकित्सकों की टीम को लगभग 10 घण्टे लगे। सर्जरी के बाद वृद्धा के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार गणेशरा, मथुरा निवासी चंद्रवती लगभग एक महीने से असहनीय पेट दर्द, भूख न लगने, खट्टी डकारें आने, जी मिचलाने से बहुत परेशान थी। उसका वजन भी लगातार कम हो रहा था। वृद्धा की गम्भीर स्थिति को देखते हुए परिजन उसे 15 अप्रैल को के.डी. हॉस्पिटल लाए तथा विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर से मिले। डॉ. माथुर ने मरीज की आवश्यक जांचें कराईं जिनसे पता चला कि उसके अण्डाशय के साथ ही पेट और पेट के निचले हिस्से में गांठें हैं। बीमारी का पता लगने के बाद डॉ. माथुर ने परिजनों को मरीज के ऑपरेशन की सलाह दी
परिजनों की स्वीकृति के बाद 19 अप्रैल को डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम द्वारा वृद्धा की साइटोरिडैक्टिव सर्जरी (पोस्टेरियर पेल्विक एक्सेंटेरेशन) की गई। इस सर्जरी में डॉ. माथुर और उनकी टीम द्वारा अण्डाशय, बच्चेदानी के कुछ हिस्से तथा पेट के निचले हिस्से की गांठों को निकाला गया तथा मलाशय और सिग्मॉइट के रास्ते को जोड़ा गया। सर्जरी बहुत जोखिम भरी थी लेकिन चिकित्सकों की सूझबूझ से पूरी तरह सफल रही। इस सर्जरी में डॉ. मयंक माथुर का सहयोग डॉ. प्रवीण अग्रवाल, डॉ. प्रदीप सेठ, डॉ. दलवीर, डॉ. अनेरी, डॉ. सदाशिव, डॉ. विनायका, डॉ. कमल, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू, डॉ. प्रतिमा तथा ओटी टेक्नीशियन रवि सैनी एवं शिवम सैनी ने किया।
डॉ. माथुर ने बताया कि अंडाशयी कैंसर मरीज के पेट में फैल चुका था। कैंसर ने बच्चादानी, बड़ी आंत, उल्टे पैर की खून सप्लाई करने वाली नसों तथा पेशाब की थैली को जकड़ लिया था। इसके अलावा कैंसर का संक्रमण पेट की चर्बी वाली झिल्ली में भी पाया गया। डॉक्टर माथुर का कहना है कि इस तरह के जटिल कैंसर का इलाज विशेषज्ञ सर्जन तथा अनुभवी टीम के माध्यम से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि हर तरह की तकनीकी सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक और टेक्नीशियन हैं लिहाजा यहां हर तरह की सर्जरी और उपचार सम्भव है। डॉ. माथुर ने बताया कि सर्जरी के बाद वृद्धा चंद्रवती अच्छा महसूस कर रही है। उसे असहनीय पेट दर्द से छुटकारा मिल गया तथा खाना भी खा रही है। डॉ. माथुर का कहना है कि अगर यह ऑपरेशन समय से नहीं होता तो मरीज की हालत और बिगड़ सकती थी।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी तथा वृद्धा के स्वस्थ जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः वृद्धा चंद्रवती तथा उसे नई जिन्दगी देने वाले विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम।