

मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य के लिए विगत दिनों वाणिज्य संकाय के कक्षा 12 के छात्र-छात्राओं को नोएडा स्थित कोका-कोला हैप्पीनेस फैक्ट्री तथा कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं को वृंदावन एग्रो इंडस्ट्रीज प्रा.लि. छाता शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया गया। इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने दोनों ही कम्पनियों के कामकाज की विस्तार से जानकारी हासिल की।
स्कूल की प्रधानाचार्या प्रिया मदान ने कहा कि छात्र-छात्राओं के लिए जितना महत्व किताबी ज्ञान का है, उससे कहीं अधिक जरूरी व्यावहारिक ज्ञान है। व्यावहारिक ज्ञान शैक्षिक भ्रमण से ही सम्भव है। उन्होंने बताया कि विगत दिवस राजीव इंटरनेशनल स्कूल के वाणिज्य संकाय के कक्षा 12 के विद्यार्थियों ने शिक्षकद्वय सनी सोलंकी और श्वेता गौर के मार्गदर्शन में नोएडा स्थित कोका-कोला हैप्पीनेस फैक्ट्री का भ्रमण किया। वहां विद्यार्थियों ने कोका-कोला, माजा, फेंटा, स्प्राइट आदि की ऑपरेशन यूनिट के विषय में विस्तार से जानकारी हासिल की। इसी तरह वाणिज्य संकाय के कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं ने वोमेश यादव और एकता सिंह के मार्गदर्शन में वृंदावन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड छाता, मथुरा का इंडस्ट्रियल विजिट किया।
दोनों ही कम्पनियों में विद्यार्थियों ने शीतल पेय निर्माण की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की। साथ ही यह भी जाना कि जिस पेय पदार्थ को वे इतने चाव से पीते हैं उसे कितनी शुद्धता और मानकों का पालन करते हुए बनाया जाता है। कम्पनी के अधिकारियों ने विद्यार्थियों को पैकेजिंग,फीलिंग, लेबलिंग, ट्रांसपोर्टेशन, रॉ मैटेरियल, कंस्ट्रक्शन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस भ्रमण में विद्यार्थियों ने उत्पादन इकाइयों की स्थापना, मानव संसाधन का प्रयोग, लागत, प्रबंधन और बाजार की आवश्यकताओं पर भी अपनी जिज्ञासा का समाधान किया। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षकों ने दोनों ही कम्पनियों के पदाधिकारियों का छात्र-छात्राओं को तकनीकी और व्यावहारिक जानकारी देने के लिए आभार माना।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने शिक्षा में शैक्षिक भ्रमण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे औद्योगिक भ्रमण विद्यार्थियों के करियर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्र जीवन में केवल किताबी ज्ञान से कार्य नहीं चलता, जब तक कि हम उसे वास्तविक दुनिया के अनुभव से न जोड़ें। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं को उत्पादन प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण, सप्लाई चेन और कॉर्पोरेट संरचना की जो वास्तविक समझ प्राप्त हुई, उसका उन्हें भविष्य में जरूर लाभ मिलेगा।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इस शैक्षिक भ्रमण में विद्यार्थियों ने जाना कि कैसे एक बड़ी कम्पनी उत्पादन से लेकर अंतिम वितरण तक के कार्य को प्रभावी ढंग से संचालित करती है। इस विजिट से छात्र-छात्राओं को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान को व्यवहारिक अनुभव से जोड़ने का सुअवसर मिला बल्कि उन्हें करियर की सम्भावनाओं को भी समझने में मदद मिली है।
चित्र कैप्शनः शीतल पेय कम्पनियों का शैक्षिक भ्रमण करते राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं।