Sunday, July 27, 2025
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डॉल्फिन जलीय पारितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक

-डॉल्फिन कंजर्वेशन पर आयोजित हुईं विभिन्न प्रतियोगिता

-परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में छात्रों ने दिखाई प्रतिभा

वृंदावन। गौशाला नगर स्थित परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में भारत सरकार द्वारा संचालित और सीबीएसई बोर्ड द्वारा निर्देशित डॉल्फिन संरक्षण परियोजना अंतर्गत विविध प्रकार की प्रतियोगिताएं और कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें छात्रों के द्वारा डॉल्फिन कंजर्वेशन को लेकर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। साथ ही एक रैली भी निकली गई।
कक्षा 12 बी के छात्र त्रिशांत ने डॉल्फिन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां छात्रों को दी गई। प्रियांशु ने डॉल्फिन के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि डॉल्फिन जलीय पारितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने डॉल्फिन कंजर्वेशन के विभिन्न तरीकों को विस्तृत रूप से छात्रों को समझाया। विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष देवेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि डॉल्फिन हो या अन्य कोई जीव प्रत्येक जीव प्रकृति के लिए आवश्यक होता है। उन्होंने एक उदाहरण द्वारा छात्रों को समझाने का प्रयास किया कि हमारी पूरी पृथ्वी एक वायुयान की तरह है जिसमें मनुष्य रूपी यात्री यात्रा कर रहा है। वायुयान के विभिन्न पुर्जे वायुयान की संरचना को बनाए रखते हैं उसी प्रकार पृथ्वी पर पाए जाने वाले प्रत्येक जीव पृथ्वी रूपी वायुयान के पुर्जे हैं जो पृथ्वी की संरचना और क्रियात्मकता बनाए रखने के लिए आवश्यक है
इस परियोजना में छात्रों को एक ज्ञानवर्धक वीडियो के माध्यम से भी डॉल्फिन संरक्षण के बारे में समझाया गया।
परियोजना में विज्ञान के सभी आचार्य हेमंत गुप्ता, अनिल यादव, ज्ञानेंद्र पांडे, कपीश्वर कृष्ण, निशांत, शैलेंद्र गोयल, भरत कृष्ण आदि मौजूद रहे।

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