परिजन बोले गलत इलाज से 20 वर्षीय युवक की जान पर खतरा


मथुरा : मथुरा-दिल्ली रोड नवादा स्थित मौर्या ट्रॉमा सेंटर में एक गंभीर मेडिकल लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने गलत जांच और उपचार में देरी कर 20 वर्षीय युवक की जान को खतरे में डाल दिया।
बलदेव क्षेत्र के गांव अमीरपुर निवासी योगेश ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) मथुरा को भेजी शिकायत में बताया कि उनका 20 वर्षीय भतीजा कुलदीप 9 अगस्त 2025 की सुबह करीब 6:30 बजे तेज पेट दर्द की शिकायत पर मौर्या ट्रॉमा सेंटर लाया गया। अस्पताल स्टाफ ने आकस्मिक शुल्क के नाम पर ₹1000 तत्काल जमा करवाए, लेकिन एक घंटे से अधिक इंतजार कराने के बाद इलाज शुरू हुआ।
करीब दो घंटे तक कोई राहत न मिलने पर डॉ. मौर्या ने अल्ट्रासाउंड किया, जिसमें 5 एमएम का किडनी स्टोन बताया गया। शाम 4 बजे तक मरीज की हालत में सुधार न होने पर परिजनों ने छुट्टी करानी चाही, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने पूरे दिन का बेड चार्ज और डॉक्टर विजिट शुल्क मिलाकर लगभग ₹7,000 लिए, वह भी बिना किसी बिल के।
11 अगस्त को दूसरे अस्पताल में कराए गए अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स फटने (Appendix Burst) की पुष्टि हुई, जबकि किसी भी किडनी में स्टोन नहीं पाया गया। परिजनों का आरोप है कि गलत रिपोर्ट और पेनकिलर देकर असली बीमारी को नजरअंदाज किया गया, जिससे मरीज की जान पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया।
इस मामले पर दैनिक उजाला लाइव ने मौर्या ट्रॉमा सेंटर के रिसेप्शन नंबर पर तीन बार कॉल किया, लेकिन कॉल अटेंड नहीं की गई। बाद में PNT नंबर पर संपर्क करने पर संबंधित व्यक्ति ने डॉक्टर का मोबाइल नंबर देने से इनकार कर दिया और डॉक्टर से बात भी नहीं कराई।
पीड़ित परिवार ने इस लापरवाही के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है और मामले से जुड़े दोनों रिपोर्ट CMO को प्रमाण स्वरूप सौंपे हैं।
परिजन योगेश का कहना है कि CMO की तरफ से अगर कोई कार्यवाही हॉस्पिटल तथा डॉक्टर के खिलाफ नहीं होती है तो, हम शासन स्तर तक चुप नहीं बैठेंगे। आज हमारे साथ यह घोर लापरवाही बरती गई है। ऐसा अन्य मरीजों के साथ भी होता होगा।