Thursday, August 21, 2025
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नवीनतम दंत चिकित्सा तकनीक से रूबरू हुए के.डी. डेंटल कॉलेज के विद्यार्थी कंटीन्यूइंग डेंटल एज्यूकेशन में डॉ. अविनाश पाटिल ने साझा किए अनुभव


मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, मथुरा में इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ कंटीन्यूइंग डेंटल एज्यूकेशन तथा डेंटस्प्लाई इंडिया के सहयोग से आयोजित सीडीई कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. अविनाश पाटिल ने “एंडो एम्पावर्ड: फ्रॉम कर्व्ड कैनल्स टू थ्रीडी सील्स” विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने भावी दंत चिकित्सकों को एक्सेस कैविटी प्रिपरेशन से लेकर थ्रीडी ऑबट्यूरेशन तक की नवीनतम दंत चिकित्सा तकनीकों की जानकारी दी। सीडीई कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के बाद हुआ।
सीडीई में मुख्य वक्ता डॉ. अविनाश पाटिल ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एक्सेस कैविटी प्रिपरेशन एंडोडोंटिक उपचार का प्रारम्भिक चरण है। इसमें दंत चिकित्सक रूट कैनाल प्रणाली तक पहुंचने के लिए दांत के ऊपरी हिस्से को हटाते हैं। यह रूट कैनाल चिकित्सा की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि रूट कैनाल प्रणाली दांतों की पर्याप्त सफाई, आकार देने और भराई करने का सुरक्षित तरीका है। इसका लक्ष्य शेष दांतों की संरचना को भी संरक्षित करना है। उन्होंने भावी दंत चिकित्सकों को बताया कि अपर्याप्त एक्सेस कैविटी तैयारी रूट कैनाल को ठीक से साफ करने में कठिनाई पैदा कर सकती है, जिससे उपचार विफल हो सकता है।
डॉ. पाटिल ने छात्र-छात्राओं से थ्रीडी ऑबट्यूरेशन पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि थ्रीडी ऑपरेशन एक सर्जिकल तकनीक है जिसमें थ्रीडी इमेजिंग का उपयोग करके सर्जरी की जाती है। इस तकनीक से डॉक्टर अधिक गहराई और विवरण के साथ दांतों को देख पाते हैं। उन्होंने बताया कि थ्रीडी तकनीक का उपयोग करके डॉक्टर बेहतर सटीकता और दक्षता के साथ जटिल सर्जरी कर सकते हैं।
डॉ. पाटिल ने सिंगल विजिट एंडोडोंटिक्स पर जोर देते हुए कहा कि यह आधुनिक दंत चिकित्सा प्रक्रिया है जो रोगियों को एक ही यात्रा में रूट कैनाल उपचार पूरा करने की सुविधा प्रदान करती है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सभी मामलों के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि सिंगल विजिट एंडोडोंटिक्स दंत चिकित्सा यात्रा में रूट कैनाल उपचार को पूरा करने का एक तरीका है। डॉ. पाटिल ने कहा कि रोगी का एक ही बार में उपचार पूरा होने से उसे बार-बार दंत चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रक्रिया उन रोगियों के लिए भी अधिक सुविधाजनक हो सकती है जो एक ही बार में उपचार पूरा करना चाहते हैं। इस सत्र को खूब सराहा गया। इसमें 75 उत्साही प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में लाइव प्रदर्शन के बाद वीडीडब्ल्यू रोटेट नाईटाई फाइल सिस्टम पर एक व्यावहारिक कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें 25 प्रतिभागियों ने पूर्वानुमानित और सफल एंडोडोंटिक्स के लिए रोटरी फाइलों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए व्यावहारिक कौशल प्राप्त किया। सीडीई की सफलता में डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अनुज, डॉ. विवेक, डॉ. मनीष, डॉ. राजीव, डॉ. जुही आदि का अहम योगदान रहा। सीडीई में विभागाध्यक्ष डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत तथा कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि उपस्थित रहे। समापन अवसर पर के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने मुख्य वक्ता डॉ. अविनाश पाटिल का स्वागत किया तथा छात्र-छात्राओं से अपना नवीनतम अनुभव साझा करने के लिए आभार माना। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुज गौर ने किया।
चित्र कैप्शनः मुख्य वक्ता डॉ. अविनाश पाटिल का अभिनंदन करते डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी। दूसरे चित्रों में मुख्य वक्ता के साथ प्रतिभागी भावी दंत चिकित्सक।

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