
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने एक बार फिर वैश्विक शोध मंच पर अपनी उत्कृष्टता का परचम लहराया है। विश्वविद्यालय की अल्यूमना रसनप्रीत कौर को प्रतिष्ठित रमन-चारपाक फ़ेलोशिप से सम्मानित किया गया है। यह फ़ेलोशिप भारत और फ्रांस के बीच उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहित करने वाला प्रतिष्ठित इंडो-फ़्रेंच एक्सचेंज प्रोग्राम है, जो उत्कृष्ट डॉक्टरेट शोधार्थियों को फ्रांस में अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
विदित रहे कि रसनप्रीत कौर ने अपनी एमएससी की पढ़ाई जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग से पूरी की। यहां की अनुशासित शैक्षणिक संस्कृति, प्रेरणादायी शोध वातावरण और गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन ने उनके कॅरियर को नई दिशा दी। विश्वविद्यालय में मिले सहयोग और प्रोत्साहन ने उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा को और गहराई दी तथा अनुसंधान के प्रति समर्पण को मजबूत किया।
एमएससी के दौरान उन्हें राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (एनआईआई) नई दिल्ली में मास्टर्स प्रोजेक्ट पर कार्य करने का अवसर मिला। यहां उन्होंने न्यूमोकोकल प्रोटीन पर शोध किया और उसकी वैक्सीन क्षमता का आकलन किया। इस अनुभव से उन्हें प्रयोगात्मक तकनीकों की गहन जानकारी के साथ-साथ अंतविषय शोध कौशल भी विकसित करने का मौका मिला।
इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुहावटी से पीएचडी की, जहां उनका शोध जीव विज्ञान और प्रोटीन अंत क्रियाओं पर केंद्रित रहा। उनका कार्य प्रोटीन संरचना, गतिकी और उनके आपसी संबंधों को समझने पर आधारित है, जिसका सीधा असर नई दवाओं और वैक्सीन विकास में हो सकता है।
अब रमन-चारपाक फ़ेलोशिप के अंतर्गत रसनप्रीत फ्रांस में लाइव-सेल एनवायरनमेंट में उच्च स्तरीय तकनीकों का उपयोग कर अपने शोध का विस्तार करेंगी। उनका कार्य भविष्य में दवा खोज, टीका विकास और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार में नई संभावनाओं को जन्म देगा।
इस उपलब्धि पर जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनुप कुमार गुप्ता ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि रसनप्रीत कौर की यह उपलब्धि जीएलए की शैक्षणिक गुणवत्ता और शोध-उन्मुख वातावरण का परिणाम है। हमें गर्व है कि हमारे छात्र वैश्विक मंच पर विश्वविद्यालय और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने कहा रसनप्रीत ने अपनी मेहनत, लगन और नवाचार के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। विभाग के लिए यह गौरव का विषय है कि हमारी छात्रा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। हमें विश्वास है कि उनका शोध कार्य चिकित्सा विज्ञान और जनस्वास्थ्य में क्रांतिकारी योगदान देगा। डा. आलोक भारद्वाज तथा डा. माया दत्त जोशी ने भी छात्रा को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
रसनप्रीत कौर की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत और उत्कृष्टता का प्रमाण है, बल्कि यह जीएलए विश्वविद्यालय के उस वैश्विक दृष्टिकोण को भी रेखांकित करती है, जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें विश्व पटल पर सार्थक योगदान देने के लिए सक्षम भी बनाया जाता है।