Wednesday, October 29, 2025
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जीएलए की एचआर मीट में जुटे कॉर्पोरेट जगत के दिग्गज-जीएलए विश्वविद्यालय की एचआर मीट में विभिन्न कार्यक्षेत्रों में एआई के असर पर हुयी चर्चा


जीएलए विश्वविद्यालय के प्रबंधन संकाय एवं कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ट्रेनिंग व प्लेसमेंट विभाग के सहयोग से अपने विद्यार्थियों को समसामयिक अवसरों और चुनौतियों से रूबरू करने के उद्देश्य से कॉर्पोरेट जगत की ख्यातिप्राप्त कंपनियों के मानव संसाधन अधिकारियों को एक मंच पर लाकर एचआर मीट-2025 का आयोजन किया गया। आयोजन के दौरान विभिन्न सत्रों में मानव संसाधन, तकनीक और शिक्षा के आपसी रिश्ते पर सार्थक संवाद हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत आमंत्रित अतिथियों एवं विश्वविद्यालय प्रबंधन के अधिकारियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति में मां सरस्वती एवं जीएलए विश्वविद्यालय के प्रेरणास्त्रोत स्व. श्री गणेशी लाल अग्रवाल जी के चित्रपट पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर हुई। तत्पश्चात अपने स्वागत उद्बोधन से विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने आयोजन के उद्देश्य व अपेक्षाओं से सभी को अवगत कराया।

“एआई के युग में कौशल विकासः मानव और तकनीक की साझेदारी की रणनीतियां” विषय आधारित प्रथम सत्र के दौरान प्रबंधन संकाय निदेशक प्रो. अनुराग सिंह सत्र संचालक की भूमिका में रहे और बतौर विषय विशेषज्ञ मानव संसाधन विशेषज्ञ सुमित्रा कृष्णन, वेकन टेक्नोलॉजीज़ के महाप्रबंधक (मानव संसाधन) शरत चंद्र सुकुमार, एम्फेसिस की स्ट्रैटेजिक बिज़नेस एचआर पार्टनर रवीना नारायणन, और राफ्ट कंसल्टिंग के सह-संस्थापक मनीष अग्रवाल ने अपने विचार रखे। सभी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कौशल विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। बदलती तकनीकों के अनुसार स्वयं को अपग्रेड करते रहना ही किसी कर्मचारी को प्रासंगिक बनाए रखता है। आने वाले समय में डिजिटल दक्षता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता साथ-साथ चलेंगी। संस्थाएं मानव-केंद्रित तभी बनी रहेंगी जब वे तकनीक के साथ-साथ इंसानी संवेदनाओं को भी प्राथमिकता देंगी।

भविष्य के लिए कार्यबल को तैयार करने तथा कार्यों की प्रकृति और आवश्यक कौशल में आ रहे बदलावों पर केंद्रित द्वितीय परिचर्चा सत्र का संचालन भी प्रो. अनुराग सिंह द्वारा किया गया जिसमें सॉफ्ट सॉव टेक्नोलॉजीज़ में पीपल एवं स्ट्रैटेजिक एलायंस की निदेशक सुधेन्द्रा देवी, एक्सपेरी के टैलेंट एक्विज़िशन हेड मनरूप सिंह, प्रयाग कंज़्यूमर केयर से मुख्य मानव संसाधन अधिकारी कृतिवासन एस एवं अनुभवी ग्लोबल टेक्नोलॉजी हायरिंग लीडर रमित त्यागी ने अपने अनुभवों और विचारों को विद्यार्थियों के साथ साझा किया। ओटीटी, सिनेमा, पावरपॉइंट डिजाइन जैसे रोजमर्रा के अनुभवों को एआई के प्रभावों से जोड़कर विद्यार्थियों को विषय से जोड़ा गया एवं सत्र को एक पक्षीय संवाद की जगह प्रश्नोत्तरी के रूप में बढ़ाया गया। विशेषज्ञों ने एकमत होकर कहा एआई नौकरियों की भूमिका को बदल रहा है, लेकिन रचनात्मकता, अनुकूलनशीलता, सहानुभूति और नैतिक निर्णय जैसे मानवीय कौशल आने वाले समय में और भी ज्यादा महत्व रखेंगे। इस बात पर भी जोर दिया गया कि यह इंसान बनाम मशीन की लड़ाई नहीं है, बल्कि इंसान और मशीन की साझेदारी है, जो इस संतुलन को समझेगा, वही भविष्य का नेतृत्व करेगा। विद्यार्थियों को सलाह दी गई कि जब तक वे तकनीक को अपनाकर खुद को दूसरों से अलग और बेहतर साबित नहीं करते, तब तक तकनीक से प्रतिस्पर्धा कठिन रहेगी।

सत्रों के पश्चात हुये नेटवर्किंग ब्रेक ने सभी को एक-दूसरे से खुलकर बातचीत करने का मौका दिया। संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों और उद्योग जगत के विषय विशेषज्ञों के बीच हुई अनौपचारिक बातचीत भी कई नए दृष्टिकोणों को जन्म देने वाली रही और उन्हें करियर और उद्योग की वास्तविकताओं को नजदीक से समझने का अवसर मिला।

कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन देते हुये आइईटी के डीन प्रो. अशोक भंसाली ने कहा कि यह एचआर मीट महज एक दिन का सामान्य आयोजन नहीं बल्कि एक ऐसा पुल रहा जो कि अकादमिक और उद्योग जगत को जोड़ता है, वर्तमान सोच और भविष्य की संभावनाओं को एक मंच पर लाता है। प्रबंधन संकाय निदेशक प्रो. अनुराग सिंह ने कहा कि आमंत्रित विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों को दिए गए गुर निश्चित ही उन्हें कॉर्पोरेट जगत में अपनी संभावित भूमिकाओं और संबंधित अपेक्षाओं को समझने में मदद देंगे। हमें बदलते समय से डरने की नहीं, बल्कि उसे आत्मविश्वास के साथ अपनाने की जरूरत है।

एचआर मीट की शुरूआत से पूर्व कंपनियों के मानव संसाधन अधिकारियों का स्वागत जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ नीरज अग्रवाल ने किया। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि ऐसे अवसर हर दिन और हर माह नहीं मिलते। दिग्गज कंपनियों के अधिकारियों से रूबरू होने के अवसर कभी-कभी मिलते हैं। इसलिए कॅरियर में बदलाव लाने का यह सही समय है।

प्रबंधन संकाय विभागाध्यक्ष प्रो. उत्कल खंडेलवाल, सह-विभागाध्यक्ष प्रो. कृष्णवीर सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि एआई से भले ही काम करने का तरीका बदल जाए, पर इंसान की भूमिका, उसकी सोच और संवेदनाएं हमेशा केंद्र में बनी रहेंगी। ऐसे में इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को समसामयिक बनाए रखने में विशेष महत्व रखते हैं। कार्यक्रम के सफल आयोजन में ट्रेनिंग-प्लेसमेंट विभाग की मोनिका भट्ट क्षेत्री, ज्योति त्यागी समेत प्रबंधन संकाय के शिक्षक-शिक्षिकाओं व विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।

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