Wednesday, September 10, 2025
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छात्रों के सुझावों से सजेगा विजन यूपी 2047, जीएलए विश्वविद्यालय में हुआ मंथन-जीएलए विश्वविद्यालय में विकसित उत्तर प्रदेश 2047 विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन


मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय के सभागार में समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश 2047 विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन बड़े ही गरिमामय माहौल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईएएस जीवेश नन्दन एवं सेवानिवृत्त आईपीएस आनन्द कुमार ने संयुक्त रूप से की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए श्री अरुण कुमार, डिप्टी कलेक्टर आदेश कुमार, डिप्टी कलेक्टर रघुवेंद्र शर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसके उपरांत उपस्थित जनों को समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई।

मुख्य वक्तव्य में जीवेश नन्दन ने कहा कि भारत देश के प्रधानमंत्री की परिकल्पना ‘विकसित भारत 2047’ केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि राष्ट्र की सामूहिक यात्रा है। उत्तर प्रदेश इस यात्रा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2017 से 2025 तक प्रदेश ने सुरक्षा, सुशासन और विकास की मजबूत नींव रखी है। अब ‘विजन यूपी 2047’ के अंतर्गत व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसमें अर्थशक्ति, सृजनशक्ति और जीवनशक्ति जैसे आयामों पर विशेष बल है।

उन्होंने बताया कि बीते आठ वर्षों में प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर 15.9% रही है, प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़ी है और निर्यात 84 हज़ार करोड़ से बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।

आनन्द कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि पिछले वर्षों की अभूतपूर्व उपलब्धियों को आगे बढ़ाते हुए 2029-30 तक उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना लक्ष्य है। भारत के शताब्दी वर्ष 2047 में जब देश की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर होगी, तब उत्तर प्रदेश 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ देश की रीढ़ बनेगा। औसत विकास दर 15 प्रतिशत बनाए रखते हुए प्रदेश का योगदान राष्ट्रीय जीडीपी में 20 प्रतिशत तक पहुँचाना हमारा संकल्प है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का मिशन समग्र विकास है, जिसमें हर नागरिक को घर, पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा मिले तथा उद्योग, कृषि और सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल हो। साथ ही सांस्कृतिक पुनर्जागरण के माध्यम से परंपरा और आधुनिकता का संतुलित संगम भी स्थापित हो।

जीएलए विश्वविद्यालय के छात्रों ने सामूहिक रूप से कहा कि प्रदेश के विकास के लिए वेस्ट मैनेजमेंट पर गंभीरता से कार्य होना चाहिए और जापान के मॉडल को अपनाना चाहिए। मथुरा जैसे धार्मिक-पर्यटन स्थलों पर क्यूआर कोड आधारित सुविधाएँ विकसित की जानी चाहिएं, ताकि एक स्थान से ही सभी सेवाएँ उपलब्ध हों। हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी, उत्पादन बढ़ाना होगा और नए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देना होगा। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना और करप्शन पर अंकुश लगाना भी समय की मांग है। योजनाएँ नीचे पायदान तक पहुँचें तभी उनका असली लाभ मिलेगा।

शिक्षकों ने भी सुझाव देते हुए कहा कि संविदा कर्मियों के लिए मानक वेतन व्यवस्था होनी चाहिए और शिक्षा प्रणाली में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को भविष्य की नीतियों से जोड़ते हैं। जब युवा अपनी बात रखते हैं तो उनमें न केवल आत्मविश्वास आता है, बल्कि नीति-निर्माण की प्रक्रिया भी अधिक सहभागी बनती है। जीएलए विश्वविद्यालय सदैव ऐसे आयोजनों से समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान करता रहेगा।

कुलसचिव श्री अशोक कुमार सिंह ने कहा कि समर्थ उत्तर प्रदेश अभियान केवल शासन की पहल नहीं, बल्कि हम सभी नागरिकों की भागीदारी से सफल होगा। युवाओं के सुझाव भविष्य की दिशा तय करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। विश्वविद्यालय ऐसे आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों को केवल अकादमिक नहीं बल्कि सामाजिक व राष्ट्रीय जिम्मेदारियों से भी जोड़ रहा है, यही वास्तविक शिक्षा है।

डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. हिमांशु शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। वहीं अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. दिव्या गुप्ता ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।

अंत में कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता एवं कुलसचिव श्री अशोक कुमार सिंह ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

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