

मथुरा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने हर क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है। एआई ने विभिन्न उद्योगों में क्रांति लाने के साथ ही हमारे रहने और काम करने के तरीके को नया आकार दिया है। मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण में प्रगति के साथ, एआई अधिक बुद्धिमान और सक्षम होता जा रहा है, जिससे इसके निहितार्थ और अनुप्रयोगों के बारे में उत्साह और चिंताएं दोनों बढ़ रही हैं। यह बातें राजीव इंटरनेशनल स्कूल में बियोंड मार्क्स बिल्डिंग ए लाइफ एण्ड करियर यू लव विषय पर आयोजित वर्कशॉप में विषय विशेषज्ञों ने बताईं।
वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं को कीनोट स्पीकर कुणाल चावला सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वोल्वो कार स्वीडन, स्पेशल गेस्ट स्पीकर तुषार शर्मा, डाटा साइंटिस्ट वेस्टर्न डिजिटल इंडिया एवं राहुल शर्मा ब्रांड मैनेजर मार्केटिंग एट जोश एप का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। विषय विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को एआई के माध्यम से करियर की सम्भावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कुणाल चावला ने बताया कि एआई का सबसे महत्वपूर्ण निहितार्थ उद्योगों में दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने की इसकी क्षमता है। उन्होंने कहा कि एआई कार्यों को सुव्यवस्थित करता है, जिससे मनुष्य अधिक जटिल और रचनात्मक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
तुषार शर्मा ने बताया कि विनिर्माण से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, एआई ने प्रक्रियाओं में सुधार करने, त्रुटियों को कम करने और समग्र उत्पादकता को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम की मदद से, एआई सिस्टम बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं, पैटर्न की पहचान कर सकते हैं और इंसानों की तुलना में डेटा-संचालित निर्णय तेजी से ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता बेहतर रोगी देखभाल, निदान और उपचार को सक्षम करके स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति ला रही है। एआई एल्गोरिदम सटीक निदान और उपचार योजना बनाने में डॉक्टरों की सहायता के लिए रोगी रिकॉर्ड, प्रयोगशाला परिणाम और चिकित्सा छवियों जैसे चिकित्सा डेटा का विश्लेषण कर सकता है। उन्होंने बताया कि एआई दवा की खोज और जीनोमिक्स अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे वैज्ञानिकों को दवाओं की पहचान करने तथा जटिल बीमारियों में अंतर्दृष्टि उजागर करने में मदद मिल रही है।
राहुल शर्मा ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में व्यक्तिगत और अनुकूली शिक्षण अनुभव प्रदान करके शिक्षा में क्रांति लाने की क्षमता है। एआई एल्गोरिदम शैक्षिक सामग्री और सिफारिशों को तदनुसार तैयार करने के लिए छात्र-छात्राओं के सीखने के पैटर्न और प्राथमिकताओं का विश्लेषण कर सकता है। इंटेलिजेंट ट्यूशन सिस्टम बेहतर शिक्षण परिणामों को बढ़ावा देते हुए छात्र-छात्राओं को व्यक्तिगत प्रतिक्रिया और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। विषय विशेषज्ञों ने लाइफ स्किल्स, सक्सेस बियोंड मार्क्स, पेशन एण्ड स्ट्रैंथ, करियर ऑप्शन आदि विषयों पर भी अपने अनुभव साझा किए। वक्ताओं ने प्रश्नोत्तर संवाद शैली के माध्यम से विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने करियर की सम्भावनाओं को पंख लगा दिए हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हर तकनीक के जहां फायदे हैं वहीं उनके नकारात्मक पहलुओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया मदान ने अतिथि वक्ताओं का बुके एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और करियर काउंसलिंग पर अनुभव साझा करते विषय विशेषज्ञ।