Saturday, April 20, 2024
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कोरोना का खौफः भगवान ने दिए दर्शन, मंदिर में नहीं थे भक्त, ब्रह्ममुहूर्त में खुले बदरीनाथ धाम के कपाट

इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब भगवान ने दर्शन दिए और भक्त मंदिर में नहीं थे। बदरीनाथ धाम के कपाट आज शुक्रवार को तड़के चार बजकर 30 मिनट पर खोल दिए गए। इस मौके पर बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी, धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी व अन्य पूजा स्थलों से जुड़े 11 लोग ही शामिल हुए।
जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि  धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खुले। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग  का पालन हुआ, मास्क पहने गए। इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनायी दी।
कपाट खुलने को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली थी। इसी के तहत प्रातः तीन बजे से बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी सेवादार -हक हकूकधारी मंदिर परिसर के निकट पहुंच गए। कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पर पूजा हेतु पहुंचे।
वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रातः 4 बजकर  30 मिनट पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा धाम के कपाट खोल दिये गए। मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा गया। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गए।
इससे पहले बृहस्पतिवार को योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से कुबेर जी, उद्धव जी, गरुड़ जी, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के साथ बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी बदरीनाथ धाम पहुंचे।
योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में कुबेर जी, उद्धव जी और गरुड़ जी की विशेष पूजाएं हुईं। हक-हकूकधारियों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान को पुष्प अर्पित किए। भक्तों ने भगवान बदरीनाथ से कोरोना संकट से निजात दिलाने की कामना की।

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